यूआईडीएआई ने भविष्य की डिजिटल आईडी के लिए ‘आधार विजन 2032’ का अनावरण किया

भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली को भविष्य के अनुरूप बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम उठाते हुए, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ‘आधार विज़न 2032’ की शुरुआत की है। यह रूपांतरकारी रोडमैप आधार को अधिक सुरक्षित, बुद्धिमान और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने का लक्ष्य रखता है — जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ब्लॉकचेन, क्वांटम कम्प्यूटिंग और अगली पीढ़ी की एन्क्रिप्शन तकनीकें शामिल हैं।

क्या है ‘आधार विज़न 2032’?

‘आधार विज़न 2032’ UIDAI की एक समग्र रूपरेखा है, जिसके माध्यम से वर्ष 2032 तक भारत की आधार प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा। इसके प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं —

  • AI आधारित स्मार्ट प्रमाणीकरण प्रणाली

  • ब्लॉकचेन के माध्यम से छेड़छाड़-रोधी सत्यापन और ऑडिटेबिलिटी

  • क्वांटम कम्प्यूटिंग के खतरों से निपटने की तैयारी

  • भारत के डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम के अनुरूप उन्नत एन्क्रिप्शन प्रणाली

इसका उद्देश्य एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी डिजिटल पहचान ढांचा विकसित करना है, जो नागरिकों के साथ-साथ देश की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी समर्थन दे सके।

कौन कर रहा है इस परिवर्तन का नेतृत्व?

इस तकनीकी परिवर्तन को दिशा देने के लिए UIDAI ने एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति (High-Level Expert Committee) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता नीलकंठ मिश्रा, अध्यक्ष, UIDAI द्वारा की जा रही है। समिति में तकनीक, कानून, साइबर सुरक्षा और प्रशासन के क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञ शामिल हैं।

प्रमुख सदस्य:

  • भुवनेश कुमार, CEO, UIDAI

  • विवेक राघवन, सह-संस्थापक, Sarvam AI

  • धीरज पांडे, संस्थापक, Nutanix

  • शशिकुमार गणेशन, हेड ऑफ इंजीनियरिंग, MOSIP

  • राहुल मथन, विधि विशेषज्ञ, Trilegal

  • नवीन बुढिराजा, CTO, Vianai Systems

  • प्रो. अनिल जैन, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी

  • प्रो. मयंक वत्सा, IIT जोधपुर

  • प्रो. प्रभाकरन पूर्णचंद्रन, अमृता यूनिवर्सिटी

  • अभिषेक कुमार सिंह, उप महानिदेशक, UIDAI

यह बहु-विषयक टीम आधार विज़न 2032 के आधिकारिक रूपरेखा दस्तावेज़ को तैयार करने की जिम्मेदारी निभा रही है।

‘आधार विज़न 2032’ के प्रमुख उद्देश्य:

  • ब्लॉकचेन आधारित डेटा ट्रेल्स से भरोसे में वृद्धि

  • AI द्वारा स्मार्ट सत्यापन प्रणाली

  • DPDP अधिनियम के अनुरूप गोपनीयता और अनुपालन की सुरक्षा

  • पोस्ट-क्वांटम युग के खतरों से पहचान प्रणाली की रक्षा

  • आधार की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और पारस्परिकता (interoperability) को सुनिश्चित करना

स्थिर तथ्य

विषय विवरण
लॉन्च करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)
लॉन्च तिथि 1 नवंबर 2025
शामिल तकनीकें AI, ब्लॉकचेन, क्वांटम कम्प्यूटिंग, उन्नत एन्क्रिप्शन
विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष नीलकंठ मिश्रा
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार
उद्देश्य DPDP अधिनियम और वैश्विक मानकों के अनुरूप अगली पीढ़ी की आधार प्रणाली विकसित करना
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vikash

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