तुर्की–अमेरिका परमाणु समझौता : वैश्विक ऊर्जा शक्ति संतुलन में नया बदलाव

एक बड़ी भू-राजनीतिक और ऊर्जा संबंधी सफलता के रूप में, तुर्की और अमेरिका ने 25 सितंबर, 2025 को राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन की व्हाइट हाउस की हाई-प्रोफाइल यात्रा के दौरान एक रणनीतिक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता द्विपक्षीय संबंधों को, विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा के उच्च-तकनीकी क्षेत्र में, गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और क्षेत्रीय प्रभाव पर व्यापक प्रभाव पड़ेंगे।

वैश्विक प्रभाव वाली परमाणु साझेदारी

  • मुख्य बिंदु:

    • बड़े पैमाने पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विकास

    • स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) की तैनाती

  • रणनीतिक महत्व:

    • रूस के साथ चल रही परमाणु परियोजनाओं का संतुलन

    • चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ जारी वार्ताओं में शक्ति संतुलन

    • तुर्की को विविधीकृत परमाणु ऊर्जा खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना

  • अन्य ऊर्जा कदम:

    • राष्ट्रपति एर्दोआन की अमेरिका यात्रा के दौरान BOTAS ने 75.8 अरब घन मीटर एलएनजी आयात अनुबंध (Mercuria–स्विट्ज़रलैंड, Woodside Energy–ऑस्ट्रेलिया) पर हस्ताक्षर किए।

तुर्की की परमाणु महत्वाकांक्षा

अक्कूयू : पहला कदम

  • निर्माणकर्ता: रूस की Rosatom

  • लागत: 20 अरब डॉलर

  • रिएक्टर: 4 वीवीईआर (VVER) इकाइयाँ

  • कुल क्षमता: 4,800 मेगावॉट

  • पहली इकाई चालू होने की समय-सीमा: 2026

आगामी परियोजनाएँ

  • सिनोप (काला सागर तट)

  • थ्रेस क्षेत्र (उत्तर-पश्चिम)

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए खुले, जिसमें नया अमेरिका–तुर्की समझौता मजबूत दावेदार है।

SMRs (भविष्य की दिशा)

  • औद्योगिक क्षेत्रों के पास तैनाती

  • नवीकरणीय ऊर्जा के साथ एकीकरण

  • पारंपरिक संयंत्रों की तुलना में तेज़ निर्माण

  • तुर्की को क्षेत्रीय SMR हब बनाने की क्षमता

स्थिर तथ्य (Static)

बिंदु विवरण
हस्ताक्षर तिथि 25 सितंबर 2025
हस्ताक्षरकर्ता बायराक्तर (तुर्की) एवं रुबियो (अमेरिका)
केंद्रबिंदु नागरिक परमाणु सहयोग — बड़े संयंत्र व SMRs
अन्य सक्रिय परियोजना अक्कूयू (रूस, 4,800 मेगावॉट)
अन्य ऊर्जा कदम 75.8 अरब घन मीटर एलएनजी आयात अनुबंध (Mercuria, Woodside Energy)
रणनीतिक उद्देश्य ऊर्जा विविधीकरण, गैस आयात में कमी, ग्रिड आधुनिकीकरण
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vikash

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