तुर्की ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम गज़ैप का अनावरण किया

तुर्की ने इस्तांबुल में आयोजित 17वें अंतर्राष्ट्रीय रक्षा उद्योग मेले (IDEF) 2025 में अपना सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम ‘गज़ैप’ (तुर्की भाषा में अर्थ: ‘क्रोध’) का अनावरण किया है। यह बम 970 किलोग्राम वजनी है और इसे तुर्की की रक्षा तकनीक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गज़ैप को अब तक के सबसे घातक पारंपरिक हथियारों में से एक बताया गया है, जो तुर्की की सैन्य क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है।

गज़ैप बम की विशेषताएं और क्षमताएं

गज़ैप एक फ्रैगमेंटेशन-आधारित थर्मोबैरिक हथियार है, जो हर मीटर में 10.16 टुकड़े विस्फोटित करने की क्षमता रखता है—जबकि पारंपरिक मानक केवल हर तीन मीटर पर एक टुकड़े का होता है। यह इसे अत्यधिक सटीकता और व्यापक विनाश क्षेत्र वाला हथियार बनाता है। इसके प्रमुख डिज़ाइनर निलुफर कुज़ुलु के अनुसार, बम में लगभग 10,000 नियंत्रित कण होते हैं जो एक एक किलोमीटर क्षेत्र में फैलते हैं, जिससे यह पारंपरिक MK-सीरीज़ के बमों से तीन गुना अधिक शक्तिशाली बन जाता है।

परीक्षण और थर्मोबैरिक शक्ति

सैन्य परीक्षणों में गज़ैप की विनाशकारी क्षमता सामने आई। जब इसे विमान से गिराया गया, तो इसने तीव्र विस्फोट के साथ 160 मीटर तक फैला धुएं का बादल और झटकों की लहरें उत्पन्न कीं। इसके थर्मोबैरिक गुण इसे 3,000°C तक की तापमान सीमा तक पहुंचने की क्षमता देते हैं—जो स्टील और कंक्रीट को पिघला सकता है। इतनी अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक दबाव (ओवरप्रेशर) के साथ, गज़ैप अपने क्षेत्र में आने वाली हर चीज़ को वाष्पित करने में सक्षम है, जिससे यह विश्व के सबसे घातक पारंपरिक हथियारों में से एक बन गया है।

विमान संगतता और भविष्य की योजना

गज़ैप बम को F-16 फाइटर जेट और F-4 फैंटम एयरक्राफ्ट से पूरी तरह से सुसंगत बनाया गया है, जो तुर्की वायुसेना के दो प्रमुख युद्धक विमान हैं। रक्षा अधिकारियों ने संकेत दिया है कि भविष्य में इसे ड्रोन से भी दागे जाने योग्य बनाने के लिए संशोधन किए जा सकते हैं, जिससे इसकी युद्ध क्षमता और भी बढ़ जाएगी।

NEB-2 घोस्ट: एक और क्रांतिकारी हथियार

गज़ैप के साथ-साथ, तुर्की ने NEB-2 घोस्ट (हयालेत) बम भी पेश किया, जिसका वजन भी 970 किलोग्राम है और इसे गहरी पैठ वाली स्ट्राइक के लिए डिज़ाइन किया गया है। पारंपरिक बंकर-बस्टर बमों के विपरीत, NEB-2 सात मीटर गहरे C50 ग्रेड कंक्रीट को भेद सकता है, जबकि अमेरिकी मिसाइलें केवल 2.4 मीटर C35 ग्रेड कंक्रीट में पैठ बना पाती हैं। इसका विलंबित विस्फोट तंत्र, जो 25 मिलीसेकंड से 240 मिलीसेकंड तक फैलता है, बम को लक्ष्य में गहराई तक घुसकर विस्फोट करने की अनुमति देता है, जिससे इसका प्रभाव और विनाशक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

रणनीतिक और वैश्विक प्रभाव

गज़ैप बम का अनावरण तुर्की की इस महत्वाकांक्षा को दर्शाता है कि वह उन्नत हथियार तकनीक में वैश्विक अग्रणी बनना चाहता है। घरेलू अनुसंधान और विकास (R&D) में भारी निवेश कर, अंकारा का उद्देश्य विदेशी रक्षा आयात पर निर्भरता को कम करना है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि ग़ज़ाप लगभग परमाणु क्षमता के करीब है और यह पारंपरिक युद्ध के दायरे को एक नई परिभाषा देता है।

विवाद और कानूनी स्थिति

थर्मोबैरिक बम अपनी अत्यधिक विनाशक क्षमता के लिए कुख्यात हैं, फिर भी अंतरराष्ट्रीय कानूनों में इनका दुश्मन के सैन्य ठिकानों पर उपयोग स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित नहीं है — हालांकि नागरिकों को लक्ष्य बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अंतर्गत निषिद्ध है। ऐतिहासिक रूप से, इन हथियारों की कल्पना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी, और इनका उपयोग वियतनाम युद्ध और हाल ही में रूस-यूक्रेन संघर्ष में भी देखा गया है। हालांकि, इनकी मानवीय क्षति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में लगातार चिंता बनी हुई है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

3 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

4 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

5 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

7 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

8 hours ago