पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रियाद, सऊदी अरब की यात्रा के दौरान सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है। यह निर्णय अमेरिका की सीरिया नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जिसका उद्देश्य वर्षों के संघर्ष, गृहयुद्ध और अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बाद सीरिया के संक्रमणकालीन सरकार को समर्थन देना और स्थायित्व व शांति की राह को प्रशस्त करना है।
यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिका की सीरिया के प्रति दशकों पुरानी नीति में बदलाव दर्शाती है।
इसका असर क्षेत्रीय भू-राजनीति, मानवीय सहायता, और आर्थिक पुनर्निर्माण पर पड़ सकता है।
यह कदम असद शासन के हालिया पतन और अहमद अल-शराआ के नेतृत्व वाली नई संक्रमणकालीन सरकार के गठन के बाद उठाया गया है।
सीरिया को आर्थिक पुनरुत्थान और राजनीतिक स्थिरता का अवसर देना
नई सरकार को शांति बनाए रखने और देश के पुनर्निर्माण के लिए प्रोत्साहित करना
आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध हटाकर मानवीय राहत और विकास कार्यों को आसान बनाना
अमेरिका ने 1979 में सीरिया को आतंकवाद समर्थक देश घोषित किया था
2004 में प्रतिबंध लगाए गए, और 2011 में असद सरकार द्वारा विरोधियों पर दमन के बाद उन्हें और कड़ा किया गया
बीते एक दशक में सीरिया को गृहयुद्ध, आतंकी संगठन, और विदेशी सैन्य हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा
दिसंबर 2024 में असद शासन को एक विद्रोही मिलिशिया ने उखाड़ फेंका, जिसके बाद अहमद अल-शराआ के नेतृत्व में नई सरकार बनी – जो कभी अल-कायदा से जुड़े थे लेकिन अब सुधारवादी रुख का दावा करते हैं
प्रतिबंधों के कारण सीरिया के साथ व्यापार करने वाली तीसरी पार्टियों पर भी रोक थी
संयुक्त राष्ट्र और मानवीय संगठनों ने विशेष रूप से 2023 के भूकंप के बाद प्रतिबंधों में ढील की मांग की थी
प्रतिबंध हटाने का उद्देश्य है: सहायता पहुंचाना, आर्थिक लेन-देन बहाल करना, और राजनयिक सामान्यीकरण को बढ़ावा देना
प्रतिबंधों के हटने से सीरिया की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और लाखों लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि संभव है
अमेरिका और सीरिया के संबंधों में ऐतिहासिक मोड़ है
मध्य पूर्व की स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को प्रभावित कर सकता है
यह नई सरकार की शासन क्षमता और शांति बनाए रखने की शक्ति की परीक्षा भी है
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