प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना में मालवीय जी के अमूल्य योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने उनकी शिक्षा के प्रति आजीवन प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।
महामना मालवीय की विरासत को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर 2023 को विज्ञान भवन में ‘पंडित मदन मोहन मालवीय के संग्रहीत कार्य’ की पहली श्रृंखला का विमोचन किया। यह संग्रह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें 11 खंड तथा 4,000 पृष्ठ शामिल हैं। इसमें उनके भाषण, पत्र, लेख और अन्य लेखन का संकलन है, जिसमें उनकी विधान परिषदों में सक्रिय भूमिका और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के दस्तावेज़ शामिल हैं।
यह प्रकाशन परियोजना प्रधानमंत्री के अमृत काल के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों के महान योगदान को मान्यता दी जा रही है। इस संग्रह में मालवीय जी के विधायी निकायों में दिए गए भाषण, उनके पत्रिका ‘अभ्युदय’ के लेख और दुर्लभ डायरियां शामिल हैं, जो भारत में सामाजिक और शैक्षिक सुधारों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
पंडित मदन मोहन मालवीय की विरासत आधुनिक भारत के विकास से गहराई से जुड़ी हुई है। एक स्वतंत्रता सेनानी और बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र को आकार देने वाले नेता के रूप में उनके tireless प्रयास अमिट छाप छोड़ते हैं। उनके कार्यों के इस व्यापक संग्रह के विमोचन के माध्यम से, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि आने वाली पीढ़ियां उनके जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लेती रहें।
समाचार में क्यों? | मुख्य बिंदु |
पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2023 को ‘पंडित मदन मोहन मालवीय के संग्रहीत कार्य’ का विमोचन किया। |
संग्रह का विवरण | यह संग्रह द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) है, जिसमें 11 खंड और कुल 4,000 पृष्ठ शामिल हैं। |
संकलन | इसमें अप्रकाशित पत्र, भाषण, लेख, और संस्मरण शामिल हैं। |
प्रमुख तिथि | 25 दिसंबर 2023: संग्रह की पहली श्रृंखला का विमोचन। |
पंडित मालवीय के प्रमुख योगदान | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षा सुधारक। |
संपादकीय सामग्री | इसमें ‘अभ्युदय’ पत्रिका से लेख शामिल हैं, जिसे मालवीय जी ने 1907 में शुरू किया था। |
संकलनकर्ता संस्था | इस संग्रह को महामना मालवीय मिशन द्वारा संकलित किया गया, जिसका नेतृत्व श्री राम बहादुर राय ने किया। |
विमोचन का उद्देश्य | भारत की स्वतंत्रता और शिक्षा प्रणाली, विशेषकर बीएचयू, में मालवीय जी के योगदान को सम्मानित करना। |
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