विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) 17 और 18 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर में पारंपरिक औषधि वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा, जिसमें गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। एक बयान में यह जानकारी दी गई। इस तरह का यह पहला शिखर सम्मेलन है।
डब्ल्यूएचओ के बयान में यह भी बताया गया है कि शिखर सम्मेलन भारत सरकार की सह-मेजबानी में आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक और क्षेत्रीय निदेशक, जी-20 के स्वास्थ्य मंत्री और डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रों के देशों के उच्च-स्तरीय आमंत्रित प्रतिनिधि भाग लेंगे। उनके अलावा वैज्ञानिक, पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी और नागरिक संस्थाओं के सदस्य भी इसमें भाग लेंगे।
पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा पर आधारित यह अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भविष्य में स्वास्थ्य और जनकल्याण की दिशा सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ-साथ, पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति और साक्ष्य-आधारित व पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों और चिकित्सकों के लिए एक महत्वूपर्ण मंच साबित होगा।
पिछले साल जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के शिलान्यास के बाद अब भारत में ही पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा जा रहा है। यह हमारे देश की विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों द्वारा की गई बहुआयामी प्रगति का प्रमाण है।
दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा, जैसे कि हर्बल मिश्रण, एक्यूपंक्चर, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वदेशी चिकित्सा का उपयोग करती है। शिखर सम्मेलन में G20 के स्वास्थ्य मंत्रियों, WHO के क्षेत्रीय निदेशकों और WHO के छह क्षेत्रीय केंद्रों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल होंगे।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान आयुष मंत्रालय कन्वेंशन सेंटर में योग और ध्यान सत्र आयोजित करेगा, इसके अलावा होटल स्थलों पर भी ध्यान सत्र होंगे, साथ ही महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में योग-ब्रेक का अभ्यास भी होगा।
2022 में WHO ने भारत सरकार के सहयोग से ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष WHO के महानिदेशक की उपस्थिति में WHO-GCTM की आधारशिला रखी। यह केंद्र भारत के आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक सहयोगी परियोजना है और दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र है।
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