Top Current Affairs News 27 January 2025: फटाफट अंदाज में

Top Current Affairs 27 January 2025 in Hindi: बता दें, आज के इस दौर में सरकारी नौकरी पाना बेहद मुश्किल हो गया है। गवर्नमेंट जॉब की दिन रात एक करके तयारी करने वाले छात्रों को ही सफलता मिलती है। उनकी तैयारी में General Knowledge और Current Affairs का बहुत बड़ा योगदान होता है, बहुत से प्रश्न इसी भाग से पूछे जाते हैं। सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा का स्तर पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो गया है, जिससे छात्रों को और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए हम 27 January के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर लेकर आए हैं, जिससे तैयारी में मदद मिल सके।

Top Current Affairs 27 January 2025

 

वक्फ संशोधन विधेयक को JPC ने दी मंजूरी

वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी है। इसमें 14 बदलाव किए गए हैं। आगामी बजट सत्र में रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। सत्तारूढ़ भाजपा के जगदंबिका पाल की अगुआई वाली समिति के समक्ष कुल 44 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से कई प्रस्ताव विपक्षी सांसदों से भी उठाए गए थे, लेकिन मतदान के जरिए विपक्ष द्वारा प्रस्तावित परिवर्तनों को अस्वीकार कर दिया गया। वक्फ संशोधन विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति ने भाजपा-नीत एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए सभी संशोधनों को खारिज कर दिया। बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने पत्रकारों को बताया कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑफिशल पोर्टल लॉन्च करते हुए ऐलान कर दिया। यूसीसी (Uniform Civil Code) लागू करने वाला उत्तराखंड अब भारत देश का पहला राज्य बन गया है। 27 जनवरी को यूसीसी लागू किए जाने की तारीख पहले से तय की गई थी। उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इनसे संबंधित अन्य विषयों को रेगुलेट करेगा। यूसीसी में सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान शादी की उम्र, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं तय की गईं हैं, जबकि बहुविवाह और हलाला पर बैन लगाया गया है।

33000 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा तूफान

छोटे तूफान भी भारी तबाही मचा देते हैं। पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली हवाओं की रफ्तार 407 किमी प्रति घंटे थी। लेकिन वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसे तूफान का पता लगाया है, जिसमें हवाएं 33,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। खगोलविदों ने सौरमंडल के एक बाहरी ग्रह पर ‘सुपरसोनिक जेटस्ट्रीम’ का पता लगाया है। यह अंतरिक्ष में अब तक की सबसे तेज हवाएं हैं। यह ऐसा मौसम है, जो अगर धरती पर हो तो जीवन मुश्किल हो जाए। पृथ्वी से 500 प्रकाश वर्ष दूर पर WASP-127b ग्रह मौजूद है। यह एक विशाल गैसीय ग्रह है। यह ग्रह बृहस्पति से थोड़ा ज्यादा बड़ा है। लेकिन इसका द्रव्यमान बहुत कम है।

वेस्टइंडीज ने 34 साल बाद पाकिस्तान में जीता टेस्ट मैच

पाकिस्तान की टीम पिछले तीन टेस्ट मैच अपनी सरजमीं पर स्पिन फ्रेंडली विकेट बनाकर जीत गई, लेकिन लगातार चौथे टेस्ट मैच में पाकिस्तान की ये चाल कारगर साबित नहीं हुई। पाकिस्तान की टीम एक बार फिर से स्पिन फ्रेंडली विकेट बनाकर अपने ही चंगुल में फंस गई। एक तरह से कहा जा सकता है कि वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को उसी के हथियार से मार गिराया। मुल्तान टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने 120 रनों से जीत दर्ज की और 34 साल के बाद पाकिस्तान में टेस्ट मैच जीतने का सपना पूरा किया। इस तरह यह दो मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है, क्योंकि पाकिस्तान ने इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच बड़े अंतर से जीता था।

कौन सा एक्‍सप्रेसवे देता है सबसे ज्‍यादा टोल कलेक्‍शन?

देश में एक्‍सप्रेसवे की बढ़ती संख्‍या के साथ ही इससे टोल कलेक्‍शन में भी तेज उछाल आ रहा है। हाल में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि बीते दिसंबर में पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्‍यादा टोल की वसूली हुई है। IRB इन्फ्रा डेवलपर्स लिमिटेड और IRB इन्‍फ्रा ट्रस्‍ट ने आंकड़े जारी कर बताया है कि दिसंबर 2024 में देश का टोल कलेक्‍शन 19 फीसदी बढ़कर 580 करोड़ रुपये हो गया है। यह आंकड़ा दिसंबर 2023 के 488 करोड़ रुपये से कहीं ज्‍यादा है। आंकड़ों में बताया गया कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे ने दिसंबर 2024 में सबसे ज्‍यादा 163 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसने दिसंबर 2023 में 158.4 करोड़ रुपये की टोल वसूली की थी। ध्‍यान देने वाली बात ये है कि इस एक्‍सप्रेसवे की दूरी महज 94.5 किलोमीटर है। इसका मतलब हुआ कि 100 किलोमीटर से भी कम दूरी होने के बावजूद इस एक्‍सप्रेसवे पर बने टोल ने देश में सबसे ज्‍यादा टोल वसूली करके दी है।

रेल बजट का आम बजट में क्‍यों किया गया विलय? जानें

साल 1924 के बाद से ‘रेल बजट’ और ‘आम बजट’ दोनों अलग-अलग पेश किए जाते थे। पर केन्‍द्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट के विलय को मंजूरी दे दी। उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. उन्होंने 1 फरवरी, 2017 को आजाद भारत का पहला संयुक्त बजट संसद में पेश किया गया। इस तरह 92 साल पुरानी प्रथा खत्‍म हो गयी। देश की आजादी के बाद धीरे-धीरे रेलवे के राजस्व में कमी आने लगी और 70 के दशक में रेलवे बजट सम्पूर्ण राजस्व का 30 प्रतिशत ही रह गया और 2015-16 में रेलवे का राजस्व कुल राजस्व का 11.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। उसके बाद विशषज्ञों ने अलग रेलवे बजट को समाप्त करने का सुझाव दिया था। नीति आयोग ने भी सरकार को दशकों पुराने इस चलन को खत्म करने की सलाह दी थी। काफी विचार-विमर्श और अलग-अलग अथॉरिटीज के साथ मंथन के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में विलय का फैसला किया। यह निर्णय नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिशों तथा देबरॉय और किशोर देसाई द्वारा ‘रेल बजट के साथ वितरण’ पर एक अलग पत्र पर आधारित था। रेल मंत्रालय ने नवंबर 2016 में रेल बजट का आम बजट में विलय करने की घोषणा कर दी।

क्या होती है मेडिटेरेनियन डाइट?

मेडिटेरेनियन डाइट, भूमध्य सागर के आस पास के देशों खास तौर से इटली, स्पेन और ग्रीस जैसे देशों का आहार है जो सदियों से इन देशों में अपनाया जाता रहा है और अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान मिल चुकी है। यह कम संसाधित भोजन होता है जिसमें पूरे अनाज, सब्जियां, फल, बीन्स, फलियां, मेवे खास तौर पर शामिल होते हैं। मेडिटेरेनियन डाइट या भूमध्य आहार की सबसे खास बात इसका तेल होता है। इसमें ओलिव आयल यानी जैतून का तेल इस्तेमाल किया जाता है जो अपने आप में सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद माना जाता है। इस आहार में फल बहुत अहम हिस्सा माना जाता है जिसमें सेब, अंजीर, खरबूज, नाशपाती, बेरीज, अनार, स्ट्रॉबेरी, टमाटर आदि शामिल हैं। मेडिटेरेनियन डाइट या भूमध्य आहार में सब्जी की बहुत अहमियत है। इसकी सब्जियों में टमाटर, ब्रोकोली, पालक, प्याज, फूलगोभी, गाजर, स्प्राउट्स, खीरा, नीबू मशरूम, सरसों, भिंडी, लेटूस, आदि शामिल हैं। इसमें देखा जाए तो सलाद को बहुत अधिक महत्व मिलता है कि क्योंकि इनमें अधिकांश सब्जी सलाद के तौर पर भी खाई जाती हैं।

देश में लागू होगा ‘एक राष्ट्र-एक समय’

केंद्र सरकार देश में जल्द ही ‘एक देश, एक समय’ को लागू करने जा रही है। सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) को अनिवार्य बनाने के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 14 फरवरी तक जनता से राय भी मांगी है। नियम लागू होने के बाद सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक प्लेटफार्मों को समय के संदर्भ के लिए IST का इस्तेमाल करना जरूरी हो जाएगा। प्रस्तावित नियमों में वाणिज्य, परिवहन, कानूनी अनुबंध, लोक प्रशासन और वित्तीय परिचालन जैसे क्षेत्रों में IST का उपयोग जरूरी करने की सिफारिश है। इस कदम का उद्देश्य दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और 5जी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में समय की सटीकता में सुधार करना है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय IST के सृजन और प्रसार के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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vikash

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