यह बताया गया था कि सरकार ने RBI को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम, 1934 की धारा 7 का आह्वान करने के लिए विभिन्न पत्र लिखे हैं, जिससे उन्हे RBI गवर्नर को सार्वजनिक हित के मामलों पर निर्देश जारी करने की इजाजत मिली है जैसे NBFC के लिए तरलता, पूंजी आवश्यकता कमजोर बैंकों और एसएमई को उधार देना आदि. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “RBI अधिनियम के ढांचे के भीतर केंद्रीय बैंक के लिए स्वायत्तता एक आवश्यक और स्वीकृत शासन आवश्यकता है”.
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