प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister’s Employment Generation Programme – PMEGP) को वित्त वर्ष 2026 तक और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पीएमईजीपी को 13,554.42 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2021-22 से 2025-26 तक, पांच वर्षों के लिए 15वें वित्त आयोग चक्र में जारी रखने के लिए अधिकृत किया गया है।
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प्रमुख बिंदु:
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
भारत सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए दो योजनाओं अर्थात् प्रधान मंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (आरईजीपी), जो 31.03.2008 तक परिचालन में थी, को मिलाकर प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) नामक एक नए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम की शुरुआत को मंजूरी दी । इसका लक्ष्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दीर्घकालिक रोजगार के अवसर पैदा करना, पारंपरिक और भावी कारीगरों के एक बड़े वर्ग को दीर्घकालिक रोजगार प्रदान करना और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करके देश में ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को दीर्घकालिक रोजगार प्रदान करना और वित्तीय संस्थानों को ऋण प्रवाह में वृद्धि करके सूक्ष्म क्षेत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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