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फिरोज वरुण गांधी की किताब ‘द इंडियन मेट्रोपोलिस: डिकॉन्स्ट्रक्शनिंग इंडियाज अर्बन स्पेसेज’

द इंडियन मेट्रोपोलिस: डिकॉन्स्ट्रक्शनिंग इंडियाज अर्बन स्पेसेज फिरोज वरुण गांधी की एक पुस्तक है, जो 2023 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक भारत के शहरी स्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों की जांच करती है, जिसमें गरीबी, असमानता, अपराध और पर्यावरणीय गिरावट शामिल हैं। गांधी का तर्क है कि भारत के शहरों को अधिक समावेशी और टिकाऊ होने के लिए बदलने की आवश्यकता है।

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पुस्तक का अवलोकन:

पुस्तक को नौ भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक भारत की शहरी चुनौतियों के एक अलग पहलू पर केंद्रित है। पहला भाग, “द इंडियन मेट्रोपोलिस: ए ब्रीफ हिस्ट्री”, भारत में शहरी विकास का एक ऐतिहासिक अवलोकन प्रदान करता है। दूसरे भाग, “द चैलेंजिस ऑफ़ अर्बन इंडिया” भारत के शहरों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करता है, जिसमें गरीबी, असमानता, अपराध और पर्यावरणीय क्षरण शामिल हैं। तीसरा भाग, “द फ्यूचर ऑफ़ इंडियन सिटीज”, भारत के शहरों के परिवर्तन के लिए गांधी के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

यह पुस्तक एक राजनेता और शहरी योजनाकार के रूप में गांधी के अपने अनुभवों पर आधारित है। उन्होंने पीलीभीत, उत्तर प्रदेश के लिए संसद सदस्य के रूप में और उत्तर प्रदेश योजना आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया है। वह ग्रामीण विकास और शहरी नियोजन पर कई पुस्तकों के लेखक भी हैं।

द इंडियन मेट्रोपोलिस: डिकॉन्स्ट्रक्शनिंग इंडियाज अर्बन स्पेसेज एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो भारत के शहरों के सामने आने वाली चुनौतियों का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। गांधी की अंतर्दृष्टि नीति निर्माताओं, शहरी योजनाकारों और भारत के शहरी स्थानों के भविष्य में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मूल्यवान है।

यहाँ पुस्तक से कुछ प्रमुख बातें हैं:

  • भारत तेजी से शहरीकरण कर रहा है, और 2050 तक, यह अनुमान लगाया गया है कि देश की आधी से अधिक आबादी शहरों में रहेगी।
  • शहरीकरण अपने साथ गरीबी, असमानता, अपराध और पर्यावरण क्षरण सहित कई चुनौतियां ला रहा है।
  • भारत के शहरों को अधिक समावेशी और टिकाऊ बनाने के लिए बदलने की आवश्यकता है।
  • भारत के शहरों के परिवर्तन के लिए गांधी के दृष्टिकोण में किफायती आवास, सार्वजनिक परिवहन और हरे स्थानों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

द इंडियन मेट्रोपोलिस: डिकॉन्स्ट्रक्शनिंग इंडियाज अर्बन स्पेसेज एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो भारत के शहरों के सामने आने वाली चुनौतियों का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। गांधी की अंतर्दृष्टि नीति निर्माताओं, शहरी योजनाकारों और भारत के शहरी स्थानों के भविष्य में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मूल्यवान है।

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FAQs

पुस्तक को कितने भागों में विभाजित किया गया है?

पुस्तक को नौ भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक भारत की शहरी चुनौतियों के एक अलग पहलू पर केंद्रित है।

shweta

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