Categories: AwardsCurrent Affairs

Nobel Prize 2024: मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार का ऐलान

फिजियोलॉजी या मेडिसिन में इस वर्ष (2024) का नोबेल पुरस्कार दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को जीन गतिविधि को नियंत्रित करने वाले मौलिक सिद्धांत की उनकी खोज के लिए दिया जाएगा।

दोनों वैज्ञानिकों ने माइक्रोआरएनए की खोज की

कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली ने फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2024 का नोबेल पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। दोनों वैज्ञानिकों ने जीन से प्राप्त जानकारी को कोशिकाओं के हिसाब से उपयोग में लाने वाले माइक्रोआरएनए की खोज की है। उनकी अभूतपूर्व खोज से एक बिल्कुल नया सिद्धांत सामने आया है जो मनुष्यों सहित बहुकोशिकीय जीवों को समझने के लिए आवश्यक साबित होगा।

उनकी खोजी ट्रांसक्रिप्शन नामक प्रक्रिया के माध्यम से अनुवांशिक जानकारी डीएनए से मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) और फिर प्रोटीन उत्पादन की सेलुलर मशीनरी तक प्रवाहित होती है। इस प्रक्रिया से डीएनए में संग्रहीत आनुवंशिक निर्देश से प्रोटीन बनाए जाते हैं।

वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस

विक्टर एम्ब्रोस का जन्म 1953 में हनोवर, न्यू हैम्पशायर, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज से पीएचडी प्राप्त की। वह 1985 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज में प्रधान शोधकर्ता बने। वह 1992-2007 तक डार्टमाउथ मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर थे और अब वह मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल, वॉर्सेस्टर, विश्वविद्यालय में प्राकृतिक विज्ञान के प्रोफेसर हैं।

वैज्ञानिक गैरी रुवकुन

गैरी रुवकुन का जन्म 1952 में बर्कले, कैलिफोर्निया, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने 1982 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की। वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज में 1982-1985 में पोस्टडॉक्टरल फेलो थे। वह 1985 में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रधान शोधकर्ता बन गए, जहां अब वह जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं।

माइक्रोआरएनए कैसे करता है काम

असल में हमारे गुणसूत्रों (क्रोमोसोम) या जीन के भीतर संग्रहीत जानकारी एक तरह से शरीर की सभी कोशिकाओं में मौजूद निर्देश पुस्तिका की तरह है। प्रत्येक कोशिका में समान गुणसूत्र होते हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक कोशिका में सभी प्रकार के निर्देश होते हैं। इसके बावजूद विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं जैसे मांसपेशी और तंत्रिकाओं की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। ये अंतर कैसे उत्पन्न होता है, इसका उत्तर जीन विनियमन में निहित है। इससे प्रत्येक कोशिका केवल जरुरी निर्देशों का ही पालन करती है। यानी अलग-अलग तरह की कोशिका में केवल जीन का सही सेट ही सक्रिय होता है।

पुरस्कार विजेता विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन की अभूतपूर्व खोज ने जीन विनियमन के नए सिद्धांत का खुलासा किया जो मनुष्यों सहित बहुकोशिकीय जीवों के लिए आवश्यक साबित हुआ। अब यह ज्ञात है कि मानव जीनोम एक हजार से अधिक माइक्रोआरएनए के लिए कोड करता है। जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके के लिए माइक्रोआरएनए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

2 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

4 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

4 hours ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

5 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

6 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

7 hours ago