तेलंगाना सरकार ने अनुसूचित जातियों (SC) के उप-श्रेणीकरण को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बनकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, 14 अप्रैल 2025 को—जो कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती भी है—राज्य सरकार ने तेलंगाना अनुसूचित जातियाँ (आरक्षण का युक्तिकरण) अधिनियम, 2025 को लागू करते हुए एक सरकारी आदेश (GO) जारी किया। इस पहल का उद्देश्य मौजूदा 15% SC आरक्षण को 59 उप-जातियों के बीच तीन समूहों में बाँटकर उनकी आपसी सामाजिक व आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर अधिक न्यायसंगत तरीके से लाभ वितरित करना है। यह निर्णय ऐतिहासिक प्रयासों जैसे कि लोकुर समिति (1965) और हाल की जस्टिस रामचंद्र राजू व उषा मेहरा आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है, जो लक्षित सकारात्मक कार्रवाई की दिशा में एक ठोस बदलाव को दर्शाता है।
तेलंगाना में अनुसूचित जाति (SC) उप-श्रेणीकरण के मुख्य बिंदु (मुख्य विशेषताएँ)
तेलंगाना विधानसभा ने यह अधिनियम 18 मार्च 2025 को पारित किया।
राज्यपाल की स्वीकृति 8 अप्रैल 2025 को प्राप्त हुई।
14 अप्रैल (अंबेडकर जयंती) को सरकारी आदेश (GO) जारी किया गया।
यह सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के फैसले पर आधारित है, जिसमें SC उप-श्रेणीकरण की अनुमति दी गई थी।
न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की अध्यक्षता में अक्टूबर 2024 में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया था।
कुल SC आरक्षण: 15% (2011 की जनगणना के आधार पर)
SC उप-श्रेणियाँ: सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर तीन समूहों में विभाजन।
समूह | समुदायों की संख्या | जनसंख्या भागीदारी | आरक्षण आवंटन |
---|---|---|---|
समूह 1 | 15 (सबसे पिछड़े) | 3.288% (~1.71 लाख) | 1% |
समूह 2 | 18 (मध्यम रूप से पिछड़े) | 62.74% (~34 लाख) | 9% |
समूह 3 | 26 (तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति वाले) | 33.963% (~17 लाख) | 5% |
जनसंख्या का आकार, साक्षरता दर, रोजगार, शिक्षा की उपलब्धता, वित्तीय सहायता, राजनीतिक भागीदारी।
शमीम अख्तर आयोग को 8,600 से अधिक प्रस्तुतियाँ प्राप्त हुईं।
विस्तृत परामर्श के बाद अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिंह
कहा, यह अंतिम समाधान नहीं, बल्कि उत्थान का एक साधन है।
शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, औद्योगिक सहायता और वित्तीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
बुडिगा जांगा जाति को असमान रूप से वंचित जाति का उदाहरण बताया।
नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी
13 अप्रैल 2025 को अंतिम बैठक की अध्यक्षता की।
SC समुदायों में क्रीमी लेयर की अवधारणा को खारिज किया।
स्पष्ट किया कि मौजूदा लाभों में कोई कटौती नहीं होगी।
बताया कि तेलंगाना की SC जनसंख्या अब 17.5% है, 2026 की जनगणना के बाद आरक्षण बढ़ सकता है।
CPI विधायक कुनमनेनी संबाशिवा रेड्डी
रेल्ला समुदाय को समूह 3 में डाले जाने पर सवाल उठाया।
AIMIM विधायक माजिद हुसैन
SC आरक्षण को 18% तक बढ़ाने और 3 के बजाय 4 उप-श्रेणियाँ बनाने का सुझाव दिया।
सरकार का पक्ष
3 समूहों को संतुलित और व्यावहारिक बताया—2 से असंतुलन होता, 4 अत्यधिक होते।
यह पहल सामाजिक न्याय की दिशा में एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है, जिससे सबसे कमजोर वर्गों तक वास्तविक लाभ पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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