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सिद्धार्थ शर्मा टाटा ट्रस्ट के सीईओ बनाए गए

सिद्धार्थ शर्मा टाटा ट्रस्ट के सीईओ बनाए गए |_3.1

टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टियों ने सिद्धार्थ शर्मा को ट्रस्ट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और अपर्णा उप्पलुरी को मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) की ओर से बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) में 66 फीसदी हिस्सेदारी है।

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लगभग दो दशक तक सिविल सर्वेंट रहे 54 साल के सिद्धार्थ शर्मा टाटा ग्रुप से जुड़ गए थे। वह हाल में बनाए गए सस्टेनिबिलिटी पोर्टफोलियो का अगुवाई कर रहे थे। अभी तक इस ट्रस्ट के सीईओ एन श्रीनाथ थे, जो 2022 के अंत में रिटायर हो गए थे। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टियों ने फोर्ड फाउंडेशन से जुड़ीं अपर्णा उप्पलुरी को कंपनी का सीओओ नियुक्त किया है। टाटा ग्रुप का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।

 

सिविल सर्वेंट रहे शर्मा लगभग दो दशक से सरकारी सेवा में थे। उन्होंने सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में काम किया है। वह देश के 13वें और 14वें राष्ट्रपतियों के फाइनेंशियल एडवाइजर के रूप में काम कर चुके हैं। ट्रस्ट में पहली बार सीओओ का पद बनाया गया है। उप्पलुरी फोर्ड फाउंडेशन में भारत, नेपाल और श्रीलंका की प्रोग्राम डायरेक्टर हैं। टाटा ट्रस्ट्स देश के सबसे पुराने चैरिटेबल फाउंडेशंस में से एक है। इसकी स्थापना 1892 में टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा ने किया था।

 

टाटा ट्रस्ट्स 100 साल से भी अधिक समय से समाज के पिछड़े वर्गों के बीच काम कर रहा है। देश के पहले कैंसर केयर हॉस्पिटल की स्थापना इसी ट्रस्ट ने की थी। साथ ही इसने कई प्रमुख संस्थानों को भी सपोर्ट किया है। इनमें आईआईटी बॉम्बे में टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (IISc), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), टाटा मेमोरियल सेंटर और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) शामिल है।

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FAQs

टाटा की सबसे बड़ी कंपनी कौन सी है?

टाटा पावर भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है।

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