भारतीय सेना (Indian Army) को अत्याधुनिक स्वदेशी बख्तरबंद वाहन मिले हैं। ये बख्तरबंद गाड़िया टाटा कंपनी ने बनाई हैं. इस गाड़ी का नाम क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल मीडियम (QRFV) है. ये अन्य बख्तरबंद गाड़ियों से तुलनात्मक रूप से तेज चलती है. इसमें असॉल्ट राइफलों की गोलियों, बमों और बारूदी सुरंगों का असर नहीं होता. ये बख्तरबंद वाहन देश के रक्षक की सभी मौसमों और इलाके की स्थितियों में लड़ने की क्षमता को बढ़ाएंगे और चलते समय सुरक्षा प्रदान करेंगे।
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प्रमुख बिंदु:
- इस वाहन के शामिल होने से भविष्य के संघर्षों में भारतीय सेना की परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी।
- इसे टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (TASL) ने बनाया है। यह बख्तरबंद वाहन मोनोकोक हल मल्टी रोल माइन प्रोटेक्टेड आर्मर्ड व्हीकल है। यानी अगर इसके नीचे बारूदी सुरंग भी फट जाए तो इसे कुछ नहीं होगा।
- पिछले चार वर्षों में 2018-19 से 2021-22 तक, स्वदेशी रक्षा उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र द्वारा की गई पहलों के परिणामस्वरूप विदेशों से रक्षा क्षेत्र के लिए खरीद पर होने वाले खर्च को कुल खर्च के 46 प्रतिशत से घटाकर 36 प्रतिशत कर दिया गया है।
- QRFV, इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल (IPMV), TASL की ओर से विकसित अल्ट्रा लॉन्ग रेंज ऑब्जर्वेशन सिस्टम और भारत फोर्ज की ओर से विकसित मोनोकॉक हल मल्टी-रोल माइन-प्रोटेक्टेड आर्मर्ड व्हीकल को सेना में शामिल किया।
- सेनाध्यक्ष: जनरल मनोज पांडे
- भारत के रक्षा मंत्री: राजनाथ सिंह




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