स्विट्जरलैंड ने नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए पहली बार मलेरिया के उपचार की दवा ‘Coartem’ को मंजूरी दे दी है। यह दवा नोवार्टिस द्वारा विकसित की गई है। यह दवा उन नवजात शिशुओं के लिए बनाई गई है जिनका वजन 2 से 5 किलोग्राम के बीच है। यह कदम बेहद अहम है, क्योंकि मलेरिया खासकर अफ्रीका में बच्चों की मौत का एक बड़ा कारण है। यह मलेरिया से होने वाली मौतों को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी, विशेषकर अफ्रीका में जहां वर्ष 2023 में मलेरिया से 5 लाख से अधिक मौतें हुईं, जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल थे।
यह दवा स्विट्ज़रलैंड के बासेल स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी नोवार्टिस द्वारा बनाई गई है। यह बहुत छोटे शिशुओं के लिए अनुमोदित होने वाली पहली मलेरिया की दवा है, जो सबसे कमज़ोर और नवजात बच्चों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। स्विसमेडिक ने इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया के तहत मंज़ूरी दी है। इस विशेष प्रक्रिया का उद्देश्य विकासशील देशों में जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता को तेज़ी से सुनिश्चित करना है।
साल 2023 में मलेरिया से दुनियाभर में लगभग 5,97,000 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से 95% मौतें अफ्रीका में हुईं। इनमें से अधिकांश शिकार पांच साल से छोटे बच्चे थे। हालांकि मलेरिया आमतौर पर 3 से 6 महीने के बच्चों में अधिक देखा जाता है, लेकिन नवजात शिशुओं के लिए भी सुरक्षित इलाज के विकल्प बेहद ज़रूरी हैं। अभी तक बच्चों के लिए बनी दवाओं की खुराक को सावधानीपूर्वक शिशुओं के लिए समायोजित करना पड़ता था, जिसे विशेषज्ञों ने “अपर्याप्त समाधान” बताया।
आईएसग्लोबल (ISGlobal – बार्सिलोना ग्लोबल हेल्थ संस्थान) के मलेरिया विशेषज्ञ किकी बासट (Quique Bassat) ने कहा कि यह दवा सुरक्षित और प्रभावी दोनों है, और इससे नवजातों का इलाज अधिक आसान और सुरक्षित तरीके से किया जा सकेगा। नोवार्टिस के प्रवक्ता रुइरीड विल्लार (Ruairidh Villar) ने बताया कि आठ अफ्रीकी देश इस दवा की समीक्षा प्रक्रिया में शामिल थे और अगले 90 दिनों में इसके मंज़ूरी देने की उम्मीद है। कंपनी की योजना है कि यह दवा मलेरिया प्रभावित देशों में बिना लाभ (नो प्रॉफिट) के आधार पर उपलब्ध कराई जाए।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…
जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…
अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025 हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस…
भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। NASA इंटरनेशनल…
हुरुन रिच लिस्ट 2025 ने एक बार फिर भारत के तेज़ी से बदलते स्टार्टअप और…
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…