भारत सरकार ने स्वामीनाथन एस. अय्यर को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के Whole-time सदस्य (जीवन) के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है। यह नियुक्ति भारतीय बीमा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि आईआरडीएआई देश में बीमा उद्योग के नियमन और विकास की प्रमुख संस्था है। अय्यर के व्यापक कानूनी, नियामक और बीमा क्षेत्र के अनुभव से इस क्षेत्र को मजबूत दिशा मिलने की उम्मीद है। उनका कार्यकाल पांच वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक रहेगा।
स्वामीनाथन एस. अय्यर की नियुक्ति के मुख्य बिंदु
- पद: Whole-time सदस्य (जीवन), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)।
- कार्यकाल: पांच वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो।
- नियुक्ति की मंजूरी: कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा 25 मार्च 2025 को स्वीकृत।
- मुख्य जिम्मेदारी: जीवन बीमा क्षेत्र की देखरेख, नियामक नीतियों का विकास, और उद्योग के विकास को बढ़ावा देना।
स्वामीनाथन एस. अय्यर का पेशेवर अनुभव
- वर्तमान पद: टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस में कार्यकारी उपाध्यक्ष, प्रमुख – कानूनी, कंपनी सचिव, नियामक मामले और ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन)।
- पूर्व अनुभव: एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कानूनी और अनुपालन) और कंपनी सचिव।
- उद्योग में अनुभव: 34 वर्षों से अधिक का अनुभव, विशेष रूप से कानूनी, अनुपालन और नियामक मामलों में विशेषज्ञता।
प्रमुख जिम्मेदारियां और फोकस क्षेत्र
- नियामक अनुपालन: जीवन बीमा क्षेत्र में आईआरडीएआई के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना।
- नीति निर्माण: बीमा उद्योग के विकास के लिए नई नीतियों का निर्माण और मौजूदा कानूनों में संशोधन।
- बीमा उद्योग का विकास: जीवन बीमा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना और स्थिर नियामक ढांचे को बनाए रखना।
- ईएसजी पहलों को बढ़ावा: जीवन बीमा क्षेत्र में टिकाऊ और जिम्मेदार निवेश को बढ़ावा देना।
नियुक्ति का महत्व
- बीमा क्षेत्र में विशेषज्ञता: 30+ वर्षों के अनुभव के साथ, अय्यर बीमा उद्योग की चुनौतियों और अवसरों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में सक्षम होंगे।
- कानूनी और अनुपालन में गहरी समझ: उनकी कानूनी और अनुपालन विशेषज्ञता बीमा उद्योग में पारदर्शिता और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करेगी।
- नियामक विकास: उनकी नियुक्ति आईआरडीएआई को आधुनिक और नवाचार-उन्मुख नियामक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करेगी, जिससे उद्योग की आवश्यकताओं और उपभोक्ता सुरक्षा के बीच संतुलन बना रहेगा।
स्वामीनाथन एस. अय्यर की यह नियुक्ति भारतीय बीमा क्षेत्र में सुधार और सुदृढ़ीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।