हिंदी लेखिका सूर्यबाला को उनके उपन्यास “कौन देस को वासी: वेणु की डायरी” के लिए 34वां व्यास सम्मान 2024 प्रदान किया गया। यह उपन्यास 2018 में प्रकाशित हुआ था और इसमें अमेरिका में रहने वाले भारतीय युवाओं के सांस्कृतिक संघर्ष और पहचान से जुड़ी समस्याओं को उजागर किया गया है। 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित व्यास सम्मान पिछले दशक में प्रकाशित उत्कृष्ट हिंदी साहित्यिक कृतियों को सम्मानित करता है। इसमें ₹4 लाख की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए जाते हैं। चयन समिति की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार प्रो. रामजी तिवारी ने की।
| मुख्य बिंदु | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | सूर्यबाला के उपन्यास “कौन देस को वासी: वेणु की डायरी” को 34वां व्यास सम्मान 2024 प्राप्त हुआ। |
| पुरस्कार का विवरण | व्यास सम्मान: 1991 में स्थापित; पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित उत्कृष्ट हिंदी साहित्यिक कृतियों को मान्यता। |
| व्यास सम्मान की राशि | ₹4 लाख, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न। |
| उपन्यास का प्रकाशन वर्ष | 2018 |
| चयन समिति | अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार प्रो. रामजी तिवारी ने की। |
| लेखिका का जन्मस्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश। |
| लेखिका की शिक्षा | हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय से। |
| लेखिका के कार्य | 50 से अधिक उपन्यास, जीवनियां और बाल साहित्य; कई कृतियां टीवी धारावाहिकों में रूपांतरित। |
| उपन्यास का विषय | प्रवासी भारतीय युवाओं के सांस्कृतिक और वैचारिक संघर्ष, विशेषकर अमेरिका में। |
| केके बिड़ला फाउंडेशन के अन्य पुरस्कार | सरस्वती सम्मान (₹15 लाख, आठवीं अनुसूची की किसी भी भाषा में) और बिहारी पुरस्कार। |
| राज्य (स्थैतिक जानकारी) | उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री – योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल – आनंदीबेन पटेल, राजधानी – लखनऊ। |
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