सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को फंडिंग में गुमनाम रहने की आलोचना करते हुए सर्वसम्मति से चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया। इस फैसले का नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने किया।
एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। यह फैसला उस योजना की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं के बाद आया, जिसमें राजनीतिक दलों को गुमनाम फंडिंग की अनुमति दी गई थी।
न्यायमूर्ति खन्ना का परिप्रेक्ष्य: न्यायमूर्ति खन्ना ने एक सहमति वाली राय लिखी, थोड़ा अलग तर्क पेश किया लेकिन अंततः सर्वसम्मत निर्णय का समर्थन किया।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सिद्धांतों का उल्लंघन: दोनों निर्णयों ने संबोधित किया कि क्या चुनावी बांड योजना और कानूनों के प्रासंगिक वर्गों में संशोधन के अनुसार राजनीतिक दलों को स्वैच्छिक योगदान पर जानकारी का गैर-प्रकटीकरण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
पूर्व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख रोड्रिगो रेटो को भ्रष्टाचार से जुड़े अपराधों के लिए…
रूसी टेनिस खिलाड़ी दानिल सावलेव को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए दो साल…
‘अडिग न्यायाधीश: जस्टिस ए.एन. ग्रोवर का जीवन और विरासत’ के विमोचन पर, अटॉर्नी जनरल आर.…
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष पद पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल…
हवाई अड्डों पर महंगे खाद्य और पेय पदार्थों को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर करने…
मध्य प्रदेश ने अपनी समृद्ध विरासत, अद्वितीय वन्यजीव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए वॉल स्ट्रीट…