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सुल्तान इब्राहिम मलेशिया के 17वें राजा के रूप में नियुक्त

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एक ऐतिहासिक समारोह में, जोहोर राज्य के सुल्तान इब्राहिम को मलेशिया के 17वें राजा के रूप में स्थापित किया गया है। यह घटना देश की संवैधानिक राजशाही प्रणाली में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करती है, जहां सिंहासन नौ मलय राज्यों के शासकों के बीच घूमता है।

 

स्थापना समारोह

मलेशिया के 17वें राजा के रूप में सुल्तान इब्राहिम का पदस्थापना समारोह एक भव्य और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम था, जिसमें देश भर के उच्च पदस्थ अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और शाही परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया। समारोह में पारंपरिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन किया गया, जो मलेशिया की राजशाही की समृद्ध विरासत को दर्शाता है।

 

सुल्तान इब्राहिम की पृष्ठभूमि

सुल्तान इब्राहिम मलेशिया में एक सम्मानित व्यक्ति हैं, जो अपने लोगों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता और जोहोर राज्य के विकास में अपने प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। मलेशिया के राजा के रूप में स्थापित होने से पहले, उन्होंने जोहोर के सुल्तान के रूप में कार्य किया, इस पद पर वे 2010 से कार्यरत हैं।

 

मलेशिया में राजा की भूमिका

मलेशिया की अद्वितीय संवैधानिक राजशाही प्रणाली में नौ मलय राज्यों के शासकों के बीच एक घूर्णी राजत्व शामिल है। राजा, जिसे यांग डि-पर्टुआन एगोंग के नाम से भी जाना जाता है, पांच साल का कार्यकाल पूरा करता है। भूमिका काफी हद तक औपचारिक है, लेकिन राजा के पास विशेष शक्तियां और जिम्मेदारियां होती हैं, जिनमें प्रधान मंत्री की नियुक्ति, कानूनों को शाही सहमति देना और सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करना शामिल है।

 

सुल्तान इब्राहीम की स्थापना का महत्व

मलेशिया के 17वें राजा के रूप में सुल्तान इब्राहिम की स्थापना न केवल जोहोर के लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। यह मलेशिया की राजशाही की निरंतर ताकत और एकता और देश के राजनीतिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में इसके महत्व का प्रतीक है।

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