भारतीय सेना के सप्त शक्ति कमान ने राजस्थान और पंजाब में पश्चिमी सीमाओं पर ‘सुदर्शन शक्ति 2023’ अभ्यास किया। ‘सुदर्शन शक्ति 2023’ को नेटवर्क-केंद्रित वातावरण में ऑपरेशनल योजनाओं को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया था। इस दौरान कमबैट पावर, कमबैट सपोर्ट और लॉजिस्टिक सपोर्ट का अभ्यास किया गया। इसमें आर्मी के अलावा एयरफोर्स के जवानों ने हिस्सा लिया। “सुदर्शन शक्ति 2023” ने प्रौद्योगिकी-गहन भविष्य के संघर्ष से लड़ने के लिए उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमता को बनाए रखने के लिए दक्षिण पश्चिमी कमान और उससे जुड़ी इकाइयों की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
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ये था युद्धाभ्यास का उद्देश्य
युद्धाभ्यास का उद्देश्य ऑपरेशन के दौरान सेना के दोनों अंगों की आपसी तालमेल और एक दूसरे की क्षमता जानते हुए कार्रवाई को अंजाम देना है। युद्धाभ्यास में आर्मी की दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और एयरफोर्स की पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा ने भी हिस्सा लिया।
सुदर्शन शक्ति 2023 (Sudarshan Shakti 2023) को नेटवर्क केंद्रित वातावरण में ऑपरेशनल योजनाओं को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया। हाई टेम्पो ऑपरेशंस के हिस्से के रूप में ग्रे जोन वारफेयर सहित दुश्मन के खतरे के सभी क्षेत्रों के तहत एक समन्वित अनुप्रयोग में लड़ाकू शक्ति, युद्ध समर्थन और लॉजिस्टिक सपोर्ट का अभ्यास किया गया। मल्टीप्लायरों का एकीकृत उपयोग जैसे विशेष बलों, ड्रोन, टीथर्ड ड्रोन, लॉटर गोला बारूद के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के प्रमुख पहलुओं को कवर करने वाली प्रमुख तकनीकों को सक्रिय रूप से शामिल किया गया।