जीएसटी संग्रह में तेजी का सिलसिला जारी है। आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में उछाल के साथ बेहतर अनुपालन से चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि (नौ माह) में जीएसटी संग्रह 12 फीसदी की मजबूत वृद्धि के साथ 14.97 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। 2022-23 की समान अवधि में संग्रह 13.40 लाख करोड़ रुपये रहा था।
वित्त मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 के पहले नौ महीने के दौरान औसत मासिक कर संग्रह 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि के औसत 1.49 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह की तुलना में 12 फीसदी अधिक है।
भारत के माल और सेवा कर राजस्व में वार्षिक आधार पर वृद्धि जारी रही, लेकिन यह दिसंबर में तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया। देश का जीएसटी संग्रह दिसंबर में 10.28 प्रतिशत बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। दिसंबर 2022 में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) संग्रह करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, दिसंबर 2023 का संग्रह नवंबर के 1.68 लाख करोड़ रुपये और अक्टूबर के 1.72 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से कम है, जो जीएसटी लागू होने के बाद दूसरा सबसे अधिक संग्रह था।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ”दिसंबर, 2023 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,64,882 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 30,443 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 37,935 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 84,255 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 41,534 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 12,249 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 1,079 करोड़ रुपये सहित) है।” बयान में कहा गया है कि इस साल अब तक यह सातवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
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