भारत और रूस ने द्विपक्षीय निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए छह नई रणनीतिक परियोजनाओं पर सहमति जताई है, जो दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता नई दिल्ली में आयोजित भारत-रूस प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर कार्यसमूह (IRWG-PIP) के 8वें सत्र के दौरान हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से की और इसमें कई क्षेत्रों में आपसी हितों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
दोनों देशों ने यह पुनः पुष्टि की कि वे निवेश सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं ताकि व्यापक आर्थिक साझेदारी को और अधिक मजबूती दी जा सके, जो वर्ष 2000 में “भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी” की घोषणा के बाद से लगातार प्रगति कर रही है। इस सत्र के दौरान भारत-रूस निवेश मंच का दूसरा संस्करण भी आयोजित किया गया, जिसमें 80 से अधिक व्यवसायों और अधिकारियों ने भाग लिया, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
नई रणनीतिक परियोजनाएँ
मुख्य सत्र विवरण
भारत-रूस निवेश मंच
आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
दीर्घकालिक साझेदारी
प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग
| विषय | विवरण |
| समाचार में क्यों? | रणनीतिक परियोजनाओं के माध्यम से भारत-रूस द्विपक्षीय निवेश सहयोग को मजबूती |
| नई रणनीतिक परियोजनाएँ | भारत और रूस के बीच निवेश सहयोग को बढ़ाने हेतु छह नई परियोजनाओं पर सहमति |
| सत्र विवरण | प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर भारत-रूस कार्य समूह (IRWG-PIP) का 8वाँ सत्र, नई दिल्ली में आयोजित |
| प्रमुख सह-अध्यक्ष | अमरदीप सिंह भाटिया (भारत) और व्लादिमीर इलिचेव (रूस) |
| निवेश मंच | भारत-रूस निवेश मंच का दूसरा संस्करण; 80+ व्यवसायों, वित्तीय संस्थानों और अधिकारियों की भागीदारी |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | व्यापार, आर्थिक विकास, तकनीकी सहयोग और साझा हितों वाले क्षेत्रों में संयुक्त उद्यम |
| आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता | दोनों देशों ने निवेश सहयोग को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दोहराई |
| ऐतिहासिक साझेदारी | भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी 2000 में स्थापित; 2010 में “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा मिला |
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