स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी की दिशा में इसरो की छलांग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दिसंबर 2024 में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन लॉन्च करने के लिए तैयार है, जिसका उद्देश्य भारत को स्पेस डॉकिंग तकनीक हासिल करने वाला चौथा देश बनाना है। PSLV-C60 के माध्यम से लॉन्च होने वाले इस मिशन में 220 किलोग्राम वजन वाले दो अंतरिक्ष यान—SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट)—शामिल हैं, जो स्वायत्त इन-स्पेस डॉकिंग का प्रदर्शन करेंगे। यह उपलब्धि ISRO की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं, जैसे चंद्र मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) और सैटेलाइट सर्विसिंग को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

प्रमुख उद्देश्यों और अवधारणा

मुख्य उद्देश्य: लो-अर्थ ऑर्बिट में दो छोटे अंतरिक्ष यानों के लिए मिलन (रेंडीवू), डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीकों का प्रदर्शन।

द्वितीयक उद्देश्य:

  • डॉक किए गए अंतरिक्ष यानों के बीच पावर ट्रांसफर।
  • संयुक्त अंतरिक्ष यान का नियंत्रण।
  • अनडॉकिंग के बाद पेलोड संचालन।

मिशन का निष्पादन:
चेज़र और टारगेट अंतरिक्ष यान को 470 किमी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा। दोनों यान धीरे-धीरे अपनी दूरी कम करेंगे, डॉकिंग, पावर ट्रांसफर और पेलोड संचालन का प्रदर्शन करेंगे, जो दो वर्षों तक जारी रहेगा।

तकनीकी नवाचार

स्वदेशी तकनीकें:
डॉकिंग सिस्टम, स्वायत्त रेंडीवू एल्गोरिद्म, और पावर ट्रांसफर तकनीक।

उन्नत सेंसर:
लेज़र रेंज फाइंडर, प्रॉक्सिमिटी और डॉकिंग सेंसर, और GNSS-आधारित रिलेवेटिव ऑर्बिट डिटर्मिनेशन एंड प्रॉपेगेशन (RODP)।

सॉफ्टवेयर और सिमुलेशन:
सटीक डॉकिंग और पोस्ट-डॉकिंग संचालन के लिए एल्गोरिद्म का परीक्षण और मान्यता।

पोस्ट-डॉकिंग पेलोड

  • SDX01: हाई-रेज़ोल्यूशन कैमरा, निगरानी और इमेजिंग के लिए।
  • SDX02: मिनिएचर मल्टी-स्पेक्ट्रल पेलोड, संसाधनों की निगरानी और अंतरिक्ष विकिरण अध्ययन के लिए।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए महत्व

SpaDeX की सफलता भारत को अमेरिका, रूस और चीन के साथ स्पेस डॉकिंग क्षमताओं में खड़ा करेगी। यह चंद्रयान-4, BAS और गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके अलावा, यह सैटेलाइट सर्विसिंग, मलबे प्रबंधन, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को भी सक्षम करेगा, जो भारत के बढ़ते अंतरिक्ष तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करेगा।

प्रमुख बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? ISRO दिसंबर 2024 में PSLV-C60 के माध्यम से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) लॉन्च करने के लिए तैयार है।
मिशन का नाम स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX)
लॉन्च व्हीकल PSLV-C60
उद्देश्य इन-स्पेस डॉकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करना
किसके द्वारा विकसित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
तकनीकी विशेषताएँ उन्नत सेंसर, डॉकिंग मैकेनिज्म, और स्वदेशी सॉफ़्टवेयर
संभावित उपयोग सैटेलाइट रिफ्यूलिंग, अंतरिक्ष स्टेशन असेंबली, मानव अंतरिक्ष अन्वेषण
भारत की रैंक भारत इन-स्पेस डॉकिंग तकनीक हासिल करने वाला चौथा देश बनने का लक्ष्य रखता है।
लॉन्च वर्ष दिसंबर 2024
स्टैटिक जानकारी PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल): सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए भारत का विश्वसनीय लॉन्च व्हीकल।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

मेटा इंडिया ने अमन जैन को सार्वजनिक नीति का नया प्रमुख नियुक्त किया

मेटा इंडिया ने अमन जैन को अपना नया हेड ऑफ पब्लिक पॉलिसी नियुक्त करने की…

1 day ago

Year Ender 2025: भारत में प्रमुख संवैधानिक संशोधन, कानून, फैसले और नियुक्तियाँ

साल 2025 भारत के संवैधानिक और शासन इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।…

1 day ago

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा विधेयक (Atomic Energy Bill) को मंज़ूरी दे दी है, जो…

1 day ago

दिसंबर 2025 में विदेशी मुद्रा भंडार एक अरब डॉलर बढ़कर 687.26 अरब डॉलर पर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर…

1 day ago

नवंबर में रिटेल महंगाई 0.71% पर पहुंची

भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से मापा जाता है, अक्टूबर के…

1 day ago

डाकघरों से भी कर सकेंगे म्यूचुअल फंड में निवेश, जानें कैसे

वित्तीय समावेशन को गहराई देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत डाक विभाग…

1 day ago