श्रेयस अम्ब्रेला योजना के तहत 4 केंद्रीय उप-योजनाएं- अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों के लिए टॉप क्लास शिक्षा, एससी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग योजना, एससी के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना और एससी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप- शामिल हैं। चूंकि ये सभी केंद्रीय उप-योजनाएं हैं, इसलिए इन योजनाओं के लिए राज्यवार आंकड़े नहीं रखे जाते हैं। यह आलेख इन उप-योजनाओं का एक सिंहावलोकन प्रदान करता है, जिसमें पिछले नौ वर्षों में आवंटित बजट, व्यय विवरण और लाभार्थियों की संख्या पर प्रकाश डाला गया है।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग सुविधा प्रदान करना है ताकि वे सार्वजनिक/ निजी क्षेत्र में उचित रोजगार हासिल करने अथवा प्रतिष्ठित तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रतियोगिता एवं प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हो सकें। इस योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इसके तहत प्रति वर्ष 3,500 स्लॉट आवंटित किए जाते हैं। इसमें एससी एवं ओबीसी छात्रों का अनुपात 70:30 है और प्रत्येक श्रेणी में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत स्लॉट आरक्षित है। एससी वर्ग में पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की स्थिति में मंत्रालय इस अनुपात में छूट दे सकता है। मगर, किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से कम एससी छात्रों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक 19,995 लाभार्थियों के लिए कुल 109.77 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
इस योजना का उद्देश्य पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के लाभार्थियों में 12वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति के छात्र होंगे। यह छात्रवृत्ति पाठ्यक्रम शुरू होने से लेकर पूरा होने तक जारी रहेगी जो छात्र के संतोषजनक प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। इस योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष है।
फिलहाल इस योजना के दायरे में 266 उच्च शिक्षा संस्थान हैं। इनमें सभी आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, एम्स, एनआईएफटी, एनआईडी, एनएलयू, आईएचएम, सीयू एवं राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, एनएएसी ए++ मान्यता प्राप्त संस्थान और शीर्ष 100 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) वाले संस्थान जैसे तमाम सरकारी एवं निजी संस्थान शामिल हैं।
इस योजना के तहत छात्रवृत्ति की कुल संख्या वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 21,500 (वर्ष 2021-22 के लिए 4,100, वर्ष 2022-23 के लिए 4,200, वर्ष 2023-24 के लिए 4,300, वर्ष 2024-25 के लिए 4,400 तथा वर्ष 2025-26 के लिए 4,500) तक सीमित रहेगी।
इस योजना के तहत, (i) पूरी ट्यूशन फीस एवं वापस न किए जाने वाले शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति छात्र 2.00 लाख रुपये प्रति वर्ष की सीमा होगी) (ii) अध्ययन के पहले वर्ष में 86,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता और बाद के वर्षों में आवास, भोजन आदि अन्य खर्चों के लिए 41,000 रुपये प्रति वर्ष प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक 21,988 लाभार्थियों के लिए कुल 398.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति (115 स्लॉट), गैर-अधिसूचित, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू जनजातियां (6 स्लॉट), भूमिहीन खेतिहर मजदूर एवं पारंपरिक कारीगर (4 स्लॉट) से चयनित छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी स्तर की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। फिलहाल इस योजना के तहत 125 स्लॉट आवंटित किए गए हैं।
इस योजना का लाभ उन छात्रों को मिल सकता है जिनकी कुल पारिवारिक आय 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम है, जिन्होंने पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया हो, जिनकी आयु 35 वर्ष से कम हो और जिन्होंने शीर्ष 500 क्यूएस रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया हो। इस योजना के तहत लाभार्थियों को पूरी ट्यूशन फीस, मेंटीनेंस एवं आकस्मिकता भत्ता, वीजा शुल्क, आने-जाने का हवाई किराया आदि प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक 950 लाभार्थियों के लिए कुल 197.14 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/ संस्थानों/ कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान में एम. फिल/ पीएचडी डिग्री की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप प्रदान की जाती है।
योजना के तहत प्रति वर्ष 2,000 नए स्लॉट (विज्ञान के लिए 500 और मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के लिए 1,500) प्रदान किए जाते हैं। इसके लाभार्थियों में ऐसे छात्र शामिल हैं जिन्होंने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी- जेआरएफ) उत्तीर्ण की है। विज्ञान श्रेणी के लाभार्थियों में ऐसे जूनियर रिसर्च फेलो शामिल हैं जिहोंने यूजीसी- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) संयुक्त परीक्षा उत्तीर्ण की है।
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