भारत सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया है। दास पहले ऐसे प्रधान सचिव हैं, जिन्हें वित्तीय और मौद्रिक नीति दोनों का व्यापक अनुभव है। ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापार युद्ध, रुपये में अस्थिरता और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, उनकी नियुक्ति अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा या अगले आदेश तक जारी रहेगा।
शक्तिकांत दास की नियुक्ति को अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने और सरकार की नीतियों को कुशलतापूर्वक लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया |
| नई भूमिका | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 |
| नियुक्ति द्वारा | मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet) |
| कार्यकाल | प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा |
| पूर्व पद | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर (2018-2024) |
| आईएएस बैच एवं कैडर | 1980 बैच, तमिलनाडु कैडर |
| मुख्य विशेषज्ञता | वित्तीय और मौद्रिक नीति (Fiscal & Monetary Policy) |
| प्रमुख चुनौतियाँ संभालीं | नोटबंदी (Demonetization), IL&FS संकट, कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार, रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव |
| बैंकिंग सुधार | सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 10.8% से घटाकर 2.8% तक लाई |
| सरकार-आरबीआई समन्वय | ₹1.76 लाख करोड़ अधिशेष (Surplus) का स्थानांतरण सुनिश्चित किया |
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