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जानें कौन हैं शक्तिकांत दास, जो बने PM मोदी के प्रधान सचिव-2

भारत सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया है। दास पहले ऐसे प्रधान सचिव हैं, जिन्हें वित्तीय और मौद्रिक नीति दोनों का व्यापक अनुभव है। ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापार युद्ध, रुपये में अस्थिरता और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, उनकी नियुक्ति अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा या अगले आदेश तक जारी रहेगा।

शक्तिकांत दास की नियुक्ति के प्रमुख बिंदु

नियुक्ति से जुड़ी जानकारी

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 नियुक्त किए गए।
  • उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक रहेगा।

पेशेवर पृष्ठभूमि

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर (दिसंबर 2018 – दिसंबर 2024)।
  • वित्त मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया:
    • राजस्व सचिव
    • आर्थिक मामलों के सचिव
    • उर्वरक सचिव
  • 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी।
  • वित्तीय और मौद्रिक नीति से जुड़े प्रमुख निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नियुक्ति का महत्व

  • ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है:
    • अमेरिका द्वारा छेड़े गए व्यापार युद्ध
    • रुपये में अस्थिरता
    • समग्र आर्थिक मंदी
  • उनकी व्यापक विशेषज्ञता सरकार के विकास लक्ष्यों और मुद्रास्फीति नियंत्रण में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी।

आरबीआई गवर्नर के रूप में प्रमुख उपलब्धियाँ

  • वित्तीय स्थिरता को बनाए रखा, खासकर इन संकटों के दौरान:
    • IL&FS संकट और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) पर इसका प्रभाव।
    • रूस-यूक्रेन युद्ध और इसके कारण उत्पन्न मुद्रास्फीति
  • कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय:
    • रेपो रेट में 125 बेसिस पॉइंट की कटौती।
    • लोन मोराटोरियम और ऋण पुनर्गठन पैकेज की घोषणा।
  • बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता में सुधार:
    • सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 2018 में 10.8% से घटाकर 2024 में 2.8% तक लाई गईं।
  • सरकार और आरबीआई के बीच तनावपूर्ण मुद्दों को संभाला:
    • 2019 में 1.76 लाख करोड़ रुपये के अधिशेष फंड का स्थानांतरण
    • तरलता (Liquidity) बढ़ाने और ऋण पुनर्गठन नीतियों को लागू करने में भूमिका

प्रमुख आर्थिक सुधारों में योगदान

  • नोटबंदी (2016): पुनर्मुद्रीकरण प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
  • बजट निर्माण: केंद्रीय बजट तैयार करने वाली टीम का अहम हिस्सा रहे।
  • 15वें वित्त आयोग एवं G20 शेरपा (2017) के रूप में भी कार्य किया।

शक्तिकांत दास की नियुक्ति को अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने और सरकार की नीतियों को कुशलतापूर्वक लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया
नई भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2
नियुक्ति द्वारा मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet)
कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा
पूर्व पद भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर (2018-2024)
आईएएस बैच एवं कैडर 1980 बैच, तमिलनाडु कैडर
मुख्य विशेषज्ञता वित्तीय और मौद्रिक नीति (Fiscal & Monetary Policy)
प्रमुख चुनौतियाँ संभालीं नोटबंदी (Demonetization), IL&FS संकट, कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार, रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
बैंकिंग सुधार सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 10.8% से घटाकर 2.8% तक लाई
सरकार-आरबीआई समन्वय ₹1.76 लाख करोड़ अधिशेष (Surplus) का स्थानांतरण सुनिश्चित किया
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