भारत के कैंसर निदान पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा देते हुए सर्वियर इंडिया (Servier India) ने एक राष्ट्रीय पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य तीव्र अस्थि मज्जा ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukaemia – AML) और कोलांजियोकार्सिनोमा (Cholangiocarcinoma – CCA) से पीड़ित रोगियों के लिए बायोमार्कर परीक्षण की पहुंच बढ़ाना है। यह कार्यक्रम जीनोमिक प्रयोगशालाओं MedGenome और Strand Life Sciences के सहयोग से शुरू किया गया है, ताकि अत्याधुनिक प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी (Precision Oncology) तकनीक को विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुँचाया जा सके।
भारत में कैंसर निदान के क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती रही है — गुणवत्तापूर्ण आनुवंशिक परीक्षणों की सीमित उपलब्धता, विशेषकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।
इसी कमी को पूरा करने के लिए, सर्वियर इंडिया अब एक विशेष बायोमार्कर परीक्षण पैनल उपलब्ध कराएगा, जो मुख्य रूप से IDH1 और IDH2 जीन म्यूटेशन पर केंद्रित होगा — ये दोनों जीन AML और CCA जैसी बीमारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सरकारी अस्पतालों के मरीजों को ये परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
अन्य मरीजों को रियायती दरों पर परीक्षण की सुविधा मिलेगी, सर्वियर की Patient Assistance Programme के तहत।
यह कदम कैंसर निदान में समान अवसर (equitable access) सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस पहल का मुख्य आधार प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी है — जहाँ उपचार हर मरीज के कैंसर की जीन-स्तरीय पहचान के आधार पर तय किया जाता है।
IDH1 और IDH2 जैसी म्यूटेशन की पहचान करने से चिकित्सक —
अधिक प्रभावी लक्षित उपचार (targeted therapy) चुन सकते हैं,
कम प्रभावी सामान्य उपचारों से बच सकते हैं, और
मरीज की जीवित रहने की संभावना और परिणामों में सुधार कर सकते हैं।
सर्वियर इंडिया का कहना है कि शुरुआती चरण में आणविक परीक्षण (early molecular testing) से समय पर उपचार निर्णय लिए जा सकते हैं, जो तेज़ी से फैलने वाले इन कैंसर प्रकारों में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
1. तीव्र अस्थि मज्जा ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukaemia – AML)
यह रक्त कैंसर का तेजी से बढ़ने वाला प्रकार है, जो श्वेत रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
सही और त्वरित निदान इस बीमारी के उपचार के लिए अत्यंत आवश्यक है।
IDH जीन म्यूटेशन से संबंधित लक्षित उपचार अब उपलब्ध हैं।
2. कोलांजियोकार्सिनोमा (Cholangiocarcinoma – CCA)
यह पित्त नलिकाओं में उत्पन्न होने वाला दुर्लभ कैंसर है।
देर से पहचान के कारण उपचार जटिल हो जाता है।
आनुवंशिक प्रोफाइलिंग से उपचार योजना अधिक सटीक बनाई जा सकती है।
इस पहल की सफलता एक साझेदारी-आधारित मॉडल पर आधारित है —
MedGenome और Strand Life Sciences जीनोमिक परीक्षण व तकनीकी समर्थन प्रदान करेंगे।
अस्पताल और चिकित्सक मरीजों की पहचान और सैंपल समन्वय में सहयोग करेंगे।
रोगी नेटवर्क और काउंसलिंग समूह मरीजों को जानकारी, मार्गदर्शन और उपचार सहायता प्रदान करेंगे।
यह ‘लास्ट माइल डिलीवरी मॉडल’ परीक्षण और उपचार के बीच के समय को घटाकर त्वरित चिकित्सीय हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगा।
यह बायोमार्कर परीक्षण कार्यक्रम ‘Servier Care’ पहल के तहत संचालित होगा — जो एक समग्र रोगी सहायता मंच है।
इसमें शामिल हैं —
निःशुल्क या रियायती डायग्नोस्टिक परीक्षण
पात्र मरीजों के लिए आर्थिक सहायता
दवाओं की उपलब्धता में सहयोग
संपूर्ण उपचार प्रक्रिया में मार्गदर्शन
इस कार्यक्रम के माध्यम से सर्वियर इंडिया का उद्देश्य है — एक दयालु, सुलभ और एकीकृत स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण, जो विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए सहायक हो।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पहल का नाम | सर्वियर इंडिया राष्ट्रीय बायोमार्कर परीक्षण पहल |
| मुख्य रोग | तीव्र अस्थि मज्जा ल्यूकेमिया (AML) और कोलांजियोकार्सिनोमा (CCA) |
| मुख्य जीन परीक्षण | IDH1 और IDH2 म्यूटेशन |
| साझेदार प्रयोगशालाएँ | MedGenome, Strand Life Sciences |
| अभियान का उद्देश्य | प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी के माध्यम से कैंसर निदान को सुलभ बनाना |
| लाभार्थी | सरकारी अस्पतालों और पिछड़े क्षेत्रों के मरीज |
| कार्यक्रम के अंतर्गत | Servier Care – रोगी सहायता मंच |
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