
सर्बिया और कोसोवो के बीच कई महीनों से चल रहे तनाव के युद्ध में बदलने की संभावना है। दोनों सेनाएं सीमा पर आमने सामने आ गई हैं। सर्बिया ने कोसोवो के साथ लगी सीमा पर अपनी सेना को अलर्ट रहने को कह दिया है। वहीं कोसोवो ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं वह भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। तनाव की स्थिति को देखते हुए यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने तनाव को कम करने का आग्रह किया।
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यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोसोवो और सर्बिया से अपने सीमा क्षेत्र में बढ़ती अशांति के बीच तनाव कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा कि यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका कोसोवो के उत्तर में जारी तनावपूर्ण स्थिति के बारे में चिंतित हैं।
कोसोवो ने अपने उत्तरी पड़ोसी सर्बिया के साथ अपनी सबसे बड़ी सीमा को बंद कर दिया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। यूएस-ईयू ने कहा कि हम सभी से अधिकतम संयम बरतने, बिना शर्त स्थिति को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने और उकसावे, धमकियों या डराने-धमकाने से बचने का आह्वान करते हैं। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कहा कि हम सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक और कोसोवो के प्रधानमंत्री अल्बिन कुर्ती के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच राजनीतिक समाधान निकल सके।
जानें क्यों बढ़ा तनाव?
साल 2008 में कोसोवो, सर्बिया से आजाद हुआ था। तभी से दोनों देशों के बीच तनाव चला आ रहा है। 25 दिसंबर को दोनों देशों ने एक दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया। कोसोवो ने कहा कि पहली फायरिंग सर्बिया की तरफ से हुई। वहीं सर्बिया ने आरोप लगाया कि सबसे पहले फायरिंग कोसोवो में तैनात कोसोवो में नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय शांति सेना (केएफओआर) की तरफ से की गई।



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