देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पिछले चार वित्त वर्षों में 1.65 लाख करोड़ रुपये के लोन को राइट-ऑफ किया है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का स्थान आता है, जिसने 59,807 करोड़ रुपये को लोन को राइट-ऑफ किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को 12 दिसंबर 2022 को यह जानकारी दी। SBI ने वित्त वर्ष 2021-2022 में 19,666 करोड़ रुपये के लोन को राइट-ऑफ किया है।
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सरकारी बैंक ने 2020-21 में 34,402 करोड़ रुपये और 1998-1999 में 58905 करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ किया था। वित्त मंत्रालय द्वारा सब्मिट किए गए डेटा से यह जानकारी मिली है। बैंक आम तौर पर उन लोन को राइट ऑफ करते हैं, जहां रिकवरी की कोई संभावना नहीं होती है। बैंकों को ऐसे लोन से संभावित नुकसान को कवर करने के लिए पैसे अलग से रखने की जरूरत है। इससे बैंकों के मुनाफे पर असर पड़ता है।
राइट ऑफ हो चुके लोन की कर्जधारकों पर लायबिलिटी रहती है और राइट ऑफ हो चुके लोन अकाउंट्स में कर्जदाता से बकाये की रिकवरी जारी रहती है। बैंक अलग-अलग रिकवरी के तरीकों के जरिए राइट ऑफ हो चुके अकाउंट्स की रिकवरी को लेकर कार्रवाई जारी रखते हैं।
मंत्री द्वारा सब्मिट किए गए डेटा के अनुसार, PNB ने पिछले चार वित्त वर्षों में 59,807 करोड़ रुपये के लोन को राइट-ऑफ किया है। इसके बाद IDBI बैंक का स्थान आता है, जिसने 33,135 करोड़ रुपये के लोन को राइट-ऑफ किया है। ICICI बैंक ने 42,164 करोड़ रुपये के लोन को राइट-ऑफ किया है। जबकि, HDFC बैंक ने 31,516 करोड़ रुपये के लोन को 31,516 करोड़ रुपये के कर्ज को राइट-ऑफ किया।
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