भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ₹5,000 करोड़ की राशि जुटाई, जो एडीशनल टियर-1 (AT-I) बॉन्ड्स के माध्यम से जारी की गई है। यह चालू वित्तीय वर्ष के लिए बैंक का पहला बॉन्ड जारी करना है। इन बॉन्ड्स का कूपन दर 7.98% है, और इसका उद्देश्य बैंक की पूंजी को सुदृढ़ करना और बेसल-III मानदंडों का पालन करना है।
इससे पहले जनवरी में SBI ने AT-I बॉन्ड्स के माध्यम से ₹5,000 करोड़ जुटाए थे, जिसमें कूपन दर 8.34% थी। इस बार के इश्यू को बाजार में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जहां ₹2,000 करोड़ की बेस साइज से 3.5 गुना अधिक बोलियाँ प्राप्त हुईं, जो निवेशकों का बैंक पर गहरा विश्वास दर्शाती है।
कूपन दर और संरचना:
इन बॉन्ड्स का कूपन दर 7.98% है, और 10 साल के बाद एक कॉल विकल्प उपलब्ध है।
निवेशक प्रतिक्रिया:
इस जारी को लेकर भारी रुचि देखी गई, जिसमें 108 बोलियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें भविष्य निधि, बीमा कंपनियाँ और म्यूचुअल फंड्स शामिल थे।
तुलनात्मक दरें:
वर्तमान कूपन दर पिछले जनवरी की जारी करने वाली दर से कम है, जो अप्रैल से सरकारी बॉन्ड की यील्ड्स में 30 बेसिस पॉइंट्स से अधिक की गिरावट को दर्शाता है।
पूंजी पर्याप्तता:
30 जून 2024 तक, SBI की पूंजी पर्याप्तता अनुपात 13.86% थी, जो साल-दर-साल 70 बेसिस पॉइंट्स नीचे थी, जिससे पूंजी बढ़ाने की आवश्यकता उजागर होती है।
SBI ने इस वित्तीय वर्ष में टियर-II बॉन्ड्स के माध्यम से भी ₹15,000 करोड़ जुटाए हैं ताकि क्रेडिट वृद्धि के बीच अपने जमा आधार का समर्थन किया जा सके। इसी दौरान, इंडियन बैंक भी इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के माध्यम से ₹5,000 करोड़ तक जुटाने की तैयारी कर रहा है, जो बैंकिंग क्षेत्र में पूंजी जुटाने के व्यापक रुझान को दर्शाता है।
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