भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सबसे बड़े सिंडिकेटेड सोशल लोन के माध्यम से 1 अरब डॉलर जुटाए हैं। इसका इस्तेमाल ईएसजी परियोजनाओं और सस्ती आवास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए होगा। यह किसी वाणिज्यिक बैंक द्वारा जुटाया गया एशिया प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्यावरण संबंधी, सामाजिक और गवर्नेंस (ईएसजी) ऋण और वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा सामाजिक ऋण है।
मुख्य बिंदु
- एसबीआई के अनुसार, 5 साल के ऋण की लागत 3 माह का सिक्योर्ड ओवरनाइट फाइनैंसिंग रेट (एसओएफआर) व 130 आधार अंक है। इसका बेस साइज 50 करोड़ डॉलर था, जिसमें 50 करोड़ डॉलर का ग्रीन शू ऑप्शन था।
- इसमें 1 अरब डॉलर की व्यवस्था मैंडेटेड लीड अरेंजर ऐंड बुक रनर (एमएलएबी)) के माध्यम से की गई। एमयूएफजी और ताईपेई फूबॉन कमर्शियल बैंक संयुक्त सामाजिक ऋण समन्वयक हैं।
- एसबीआई ने एक बयान में कहा है कि यह बैंक का शुरुआती सामाजिक ऋण और पिछले 5 साल में पहला सिंडिकेटेड लोन है। इसमें ताइवान, जापान, चीन और पश्चिम एशिया की जोरदार भागीदारी रही, जिससे 50 करोड़ डॉलर के ग्रीन शू ऑप्शन सहित पूरा सबस्क्रिप्शन सुनिश्चित हुआ।
- बैंक ने पर्यावरण संबंधी, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसडी) वित्तपोषण का ढांचा तैयार किया है, जिसके तहत वह हरित, सामाजिक और सततता बॉन्डों और ऋणों के मसलों को देखता है।
- धन के आवंटन को लेकर बैंक सालाना स्टेटमेंट तैयार करेगा। बैंक ने अपने ईएसजी वित्तपोषण ढांचे की समीक्षा के लिए ईएसजी रिसर्च, रेटिंग्स और डेटा फर्म सस्टेनएनलिटिक्स को लगाया है।
- एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि एक जिम्मेदार और स्थिर संगठन के रूप में बैंक ईएसजी के उच्चतम मानकों के साथ कारोबार के परिचालन के लिए प्रतिबद्ध है।
- जनवरी 2023 में सरकार के 100 प्रतिशत मालिकाना वाले संस्थान एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक आफ इंडिया ने 10 साल के सस्टेनिबिलिटी बॉन्ड की पेशकश के माध्यम से 1 अरब डॉलर जुटाया था। यह 2023 में डॉलर और स्थिरता बॉन्ड जारी करने के लिए बाजार खोलने वाला पहला जारीकर्ता बैंक था।
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