भारतीय स्टेट बैंक कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड (SBI Cards) ने महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन और वित्तीय अपडेट की घोषणा की है। सलिला पांडे को कंपनी की नई प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है। वह 1 अप्रैल 2025 से पदभार ग्रहण करेंगी और अभिजीत चक्रवर्ती का स्थान लेंगी, जो 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा, SBI Cards ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रति शेयर ₹2.50 का अंतरिम लाभांश घोषित किया है।
सलिला पांडे कौन हैं?
सलिला पांडे वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में मुख्य महाप्रबंधक (Chief General Manager) के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 1995 में एक परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) के रूप में SBI में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें शामिल हैं:
- SBI सिंगापुर में मिड ऑफिस की उपाध्यक्ष
- दिल्ली में व्यवसाय एवं संचालन की उप महाप्रबंधक (DGM – Business & Operations)
- SBI कैलिफोर्निया की अध्यक्ष एवं CEO
उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि में भौतिकी (Physics) में स्नातकोत्तर डिग्री शामिल है। इसके अलावा, वह अमेरिका के ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल्स (GARP) से प्रमाणित वित्तीय जोखिम प्रबंधक (FRM) और भारतीय बैंकिंग संस्थान (IIBF) की प्रमाणित एसोसिएट (CAIIB) हैं। उनकी नियुक्ति दो वर्षों के लिए की गई है, जो शेयरधारकों और नियामकीय अनुमोदन के अधीन है।
SBI Cards का अंतरिम लाभांश
- लाभांश राशि: प्रति शेयर ₹2.50 (₹10 अंकित मूल्य का 25%)
- घोषणा की तिथि: 17 फरवरी 2025
- रिकॉर्ड तिथि: 25 फरवरी 2025 (लाभांश के लिए पात्र निवेशकों की पहचान हेतु)
- भुगतान तिथि: 18 मार्च 2025 तक
SBI Cards का वित्तीय प्रदर्शन
- तीसरी तिमाही (31 दिसंबर 2024 तक) में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹383 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के ₹549 करोड़ की तुलना में 30% कम है।
- इस गिरावट का मुख्य कारण क्रेडिट कार्ड व्यवसाय में बढ़ती ऋण अदायगी चूक (delinquencies) है।
- 18 फरवरी 2025 तक, SBI Cards का शेयर ₹846.45 पर कारोबार कर रहा था, जो 0.86% की गिरावट दर्शाता है।
भविष्य की दिशा
सलिला पांडे के नेतृत्व में, SBI Cards को अपनी क्रेडिट कार्ड सेवाओं को मजबूत करने और वित्तीय प्रदर्शन सुधारने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में कंपनी लगातार अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही है। हालांकि, बढ़ते डिफॉल्ट मामलों के बीच, कंपनी का अंतरिम लाभांश भुगतान यह दर्शाता है कि वह अपने निवेशकों को लाभान्वित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।