सौराष्ट्र ने बंगाल के खिलाफ पहली पारी में 44 रन की बढ़त हासिल करने के बाद अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता, जो अंततः राजकोट, गुजरात में फाइनल में ड्रा में समाप्त हुआ. जयदेव उनादकट ने सौराष्ट्र टीम का नेतृत्व किया. सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 425 रन बनाये, और इस लक्ष्य का पीछा करती बंगाल की टीम पांचवें और अंतिम दिन जीत हासिल करने में 44 रन से चूक गई, जिसके चलते सौराष्ट्र ने अपनी पहली रणजी ट्रॉफी जीती.
नियमों के अनुसार, यदि रणजी ट्रॉफी का फाइनल ड्रॉ की ओर जाता है, तो पहली पारी की बढ़त के आधार पर विजेता का फैसला किया जाता है. जो भी पहली पारी में बढ़त लेने में सफल होता है, उसे चैंपियन घोषित किया जाता है.
रणजी ट्रॉफी का इतिहास
रणजी ट्रॉफी एक घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट चैंपियनशिप है जो भारत में क्षेत्रीय और राज्य क्रिकेट संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली कई टीमों के बीच खेली जाती है. वर्तमान में प्रतियोगिता में 38 टीमें शामिल हैं, जिसमें भारत के सभी 28 राज्यों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों में से चार से कम से कम एक प्रतिनिधि होता है. इस प्रतियोगिता का नाम भारत के सबसे पहले अन्तराष्ट्रीय क्रिकेटर रंजित सिंह के नाम पर रखा गया है जिन्हें रणजी के नाम से भी जाना जाता था. प्रतियोगिता का पहला मैच 4 नवंबर 1934 को मद्रास और मैसूर के बीच मद्रास के चेपक मैदान में आयोजित किया गया था. यह टूर्नामेंट सबसे अधिक बार मुंबई ने जीता है जिन्होंने कुल 41 बार इस टूर्नामेंट को जीता है इसमें उन्होंने 1958–59 से 1972–73 लगातार 15 बार ये टूर्नामेंट में जीत प्राप्त की थी.