उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड (UMEB) ने राज्य के 416 मदरसों में संस्कृत को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक पाठ्यक्रम को समृद्ध करना और छात्रों के अकादमिक विकास का समर्थन करना है। इस बदलाव को औपचारिक रूप देने के लिए बोर्ड राज्य के संस्कृत विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है।
संस्कृत को अनिवार्य विषय बनाने का प्रस्ताव:
समझौता ज्ञापन (MoU):
कंप्यूटर अध्ययन का एकीकरण:
सकारात्मक शैक्षिक परिणाम:
संस्कृत शिक्षकों की भर्ती:
वर्तमान भाषा शिक्षण:
मदरसा का रूपांतरण:
भविष्य की वृद्धि:
भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…
भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…
सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…