शैलेश सी. मेहता को भारतीय उर्वरक संघ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश सी. मेहता को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उद्योग में 40 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, मेहता पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ एन. सुरेश कृष्णन का स्थान लेंगे। टिकाऊ और कुशल उर्वरक प्रथाओं पर अपने ध्यान के लिए जाने जाने वाले मेहता राष्ट्रीय कृषि प्राथमिकताओं के साथ उद्योग के लक्ष्यों को संरेखित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

चर्चा में क्यों?

यह नेतृत्व परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब भारत संतुलित उर्वरक उपयोग, टिकाऊ कृषि, और सरकार व उर्वरक उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ाने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहा है। सैलेश मेहता का चयन ऐसे समय हुआ है जब उर्वरक क्षेत्र कृषि उत्पादकता, पोषक तत्वों की दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता को बेहतर बनाने के लिए परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

सैलेश सी. मेहता के बारे में

  • प्रबंध निदेशक, दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड

  • उर्वरक एवं रसायन उद्योग में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव

  • 5 वर्षों से अधिक समय तक FAI के पश्चिमी क्षेत्र के चेयरमैन रहे

  • स्मार्ट कृषि पर केंद्रित कंपनी ‘महाधन एग्रीटेक लिमिटेड’ का नेतृत्व करते हैं

दृष्टिकोण और उद्देश्य

  • सरकार, उद्योग और किसानों के बीच सेतु का कार्य करना

  • संतुलित पोषक तत्व उपयोग और नवाचार आधारित उर्वरक समाधानों को बढ़ावा देना

  • आधुनिक तकनीकों के माध्यम से टिकाऊ कृषि को समर्थन देना

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों के अनुरूप कृषि उत्पादकता को बढ़ाना

नेतृत्व में बदलाव

एन. सुरेश कृष्णन, पूर्व चेयरमैन

  • प्रबंध निदेशक और सीईओ, पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड

  • BITS पिलानी के पूर्व छात्र

  • ज़ुआरी एग्रो केमिकल्स, मंगलौर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स में शीर्ष पदों पर रहे

  • इंटरनेशनल फर्टिलाइज़र एसोसिएशन (IFA) और ZMPPL के बोर्ड सदस्य

  • 35 वर्षों से अधिक का अनुभव (उर्वरक, ऊर्जा, चीनी और सीमेंट क्षेत्रों में)

भारत में उर्वरक क्षेत्र का महत्व

  • कृषि उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक

  • भारत दुनिया के सबसे बड़े उर्वरक उपभोक्ताओं और आयातकों में से एक है

  • क्षेत्र में हो रहे प्रमुख परिवर्तन:

    • पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (Nutrient-Based Subsidy) सुधार

    • ग्रीन अमोनिया का उपयोग

    • डिजिटल उर्वरक ट्रैकिंग प्रणाली

    • बायो-फर्टिलाइज़र और नैनो यूरिया का तेजी से अपनाना

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

एयर इंडिया ने ट्रैवल + लेज़र अवॉर्ड्स 2025 में बेस्ट डोमेस्टिक एयरलाइन का खिताब जीता

भारत की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने एक बार फिर ट्रैवल + लीजर इंडिया…

11 mins ago

भारत में कॉफी बागान: वैश्विक रैंक, क्षेत्र, इतिहास, आवश्यकताएँ और महत्व

भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…

5 hours ago

सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट ने 2025 का दुनिया के सबसे अच्छे एयरपोर्ट का खिताब जीता

सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…

6 hours ago

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट नई दिल्ली में शुरू

द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…

6 hours ago

नरपुह वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षण चुनौतियाँ और पारिस्थितिक महत्व

हाल ही में वैज्ञानिकों और संरक्षण विशेषज्ञों ने नरपुह (Narpuh) वन्यजीव अभयारण्य को लेकर गंभीर…

8 hours ago

फीफा बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 में विजेताओं की सूची

फीफा बेस्ट फ़ुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया, जहाँ पिछले वर्ष…

9 hours ago