भारत के मंदिरों, प्रांगणों और सामुदायिक स्थलों में होने वाले अनुष्ठानात्मक नाटक धार्मिक कथा, रीति-रिवाज और कला का अद्भुत संगम हैं। ये केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामूहिक पहचान और भक्ति का जीवंत प्रतीक हैं।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता:
यूनेस्को ने इन्हें अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage – ICH) के रूप में मान्यता दी है।
भारत की 15 सांस्कृतिक परंपराएँ यूनेस्को की ICH प्रतिनिधि सूची में शामिल हैं, जिनमें अनुष्ठानात्मक रंगमंच महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रंगमंच की विशेषताएँ:
त्योहारों और धार्मिक समारोहों के दौरान प्रदर्शन।
अभिनय, गायन, संगीत, नृत्य और कथाकथन।
कभी-कभी कठपुतली या पैंटोमाइम के माध्यम से संवर्धित।
सामुदायिक और आध्यात्मिक अभ्यास, जो नैतिक, सामाजिक और सौंदर्य संबंधी मूल्यों को संरक्षित करता है।
वय: 2000+ वर्ष
स्थान: मंदिर के थिएटर (कुट्टम्पलम)
मुख्य विशेषताएँ:
दैवी कथा: संस्कृत ग्रंथों से कथाएँ
सामुदायिक भागीदारी: मंदिर की पैट्रोनज और स्थानीय समर्थन
सिखाने की परंपरा: गुरु-शिष्य प्रणाली, 10–15 वर्षों की ट्रेनिंग
संयोजन: हाव-भाव, संगीत, पुनरावृत्ति और नाटकीयता
प्रदर्शन अवधि: 40 दिन तक
विषय: देवी काली और राक्षस दरिका का युद्ध
स्थान: भागवती कवु (मंदिर)
समुदाय: पूरे गाँव की भागीदारी, सभी जातियों के लोग शामिल
विशेषताएँ:
कथा: दैवी न्याय और सुरक्षा का प्रतीक
संयोजन: नृत्य, संगीत, मुखौटे, चित्रकला और नाटक
संप्रेषण: मौखिक और शिष्य-शिक्षक प्रणाली
स्थान: सलूर-डुंगरा गाँव
समय: अप्रैल में वार्षिक उत्सव
देवता: भूमि देवता (Bhumiyal Devta)
विशेषताएँ:
कथा: रामायण की कथाएँ और स्थानीय किंवदंतियाँ
स्थान: मंदिर प्रांगण
सामुदायिक भागीदारी: गांव वाले निधि, प्रदर्शन और संरक्षण में योगदान
संयोजन: लोकसंगीत, कथाकथन, नृत्य और शिल्प
अर्थ: “राम का नाटक”
स्थान: खुले मैदान, मंदिर परिसर, गाँव के चौक
समय: दशहरा के अवसर पर, 10 दिन से 1 माह तक
विशेषताएँ:
कथा: तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित रामायण का नाट्य
सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय अभिनेता और आयोजक
संप्रेषण: वार्षिक प्रदर्शन, पीढ़ी-दर-पीढ़ी सीख
संयोजन: संगीत, संवाद, वेशभूषा और मंचन
स्थापना: 1953
मुख्य कार्य: अनुष्ठानात्मक रंगमंच के संरक्षण और प्रचार-प्रसार
उपाय:
दस्तावेजीकरण: रिकॉर्डिंग और प्रकाशन
प्रशिक्षण: गुरु-शिष्य परंपरा, कार्यशालाएँ
मान्यता: पुरस्कार (Sangeet Natak Akademi Award, Yuva Puraskar)
फेस्टिवल: राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यक्रम
सहयोग: यूनेस्को और राज्य सरकारों के साथ सहयोग, अनुदान और वित्तीय मदद
सहायता योजनाएँ: पोशाक, वाद्ययंत्र और प्रदर्शन के लिए अनुदान
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…
पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…
भारत की समृद्ध धरोहर, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विविधता हर वर्ष लाखों यात्रियों को आकर्षित…