ग्रामीण डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत, रोहिणी ग्राम पंचायत, जो महाराष्ट्र के धुले जिले के शिरपुर तालुका में स्थित है, को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 में गोल्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 100% आदिवासी आबादी वाला यह गांव अब प्रौद्योगिकी-आधारित ग्रामीण शासन का राष्ट्रीय मॉडल बन गया है। 1.45 लाख प्रविष्टियों में से चयनित यह ग्राम पंचायत 9 जून 2025 को विशाखापट्टनम में होने वाले 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में पुरस्कार प्राप्त करेगी।
रोहिणी ग्राम पंचायत को “ग्रासरूट्स लेवल इनिशिएटिव्स” श्रेणी में गोल्ड अवार्ड से नवाजा गया है।
पुरस्कार प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) तथा पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
पंचायत ने 956 से अधिक डिजिटल सेवाओं को लागू किया है, जिससे यह अनुसूचित क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन का आदर्श बन गई है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार हर वर्ष देशभर में ई-गवर्नेंस की सर्वश्रेष्ठ पहलों को सम्मानित करने हेतु दिए जाते हैं।
रोहिणी ग्राम पंचायत को 1.45 लाख आवेदनों में से चुना गया।
पुरस्कार में ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और ₹10 लाख की नकद राशि शामिल है।
सिल्वर पुरस्कार: पश्चिम मजलिशपुर ग्राम पंचायत, त्रिपुरा
जूरी पुरस्कार: पलसाना (गुजरात) एवं सुकटी (ओडिशा)
100% आदिवासी क्षेत्र में स्थित यह पंचायत अनुसूचित जनजातियों के लिए डिजिटल नवाचार की मिसाल है।
पूर्णतः ऑनलाइन सेवा वितरण प्रणाली विकसित की:
जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र WhatsApp और ईमेल के माध्यम से उपलब्ध।
ऑनलाइन शुल्क भुगतान और यूजर-फ्रेंडली पोर्टल।
महाराष्ट्र सार्वजनिक सेवा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 7 कार्य दिवसों के भीतर सेवा वितरण सुनिश्चित।
शिक्षा: स्कूली रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, उपस्थिति मॉनिटरिंग।
महिला एवं बाल कल्याण: आंगनवाड़ी डेटा प्रबंधन, मातृ स्वास्थ्य ट्रैकिंग।
स्वास्थ्य: टीकाकरण स्थिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य सूचनाएं।
कृषि एवं पशुपालन: पशुधन रिकॉर्ड, अनुदान सूचना, मौसम अलर्ट।
प्रमाणपत्र सेवाएं: जन्म/मृत्यु प्रमाणपत्र, राशन कार्ड अपडेट, आदि।
YouTube, Facebook, Instagram के माध्यम से जन-जागरूकता और सूचना साझा की जाती है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहले ही ई-गवर्नेंस ग्राम पंचायत के रूप में मान्यता प्राप्त।
डिजिटल इंडिया अभियान को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करता है।
आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाकर पारदर्शी और कुशल शासन को बढ़ावा देता है।
यह दर्शाता है कि प्रौद्योगिकी ग्रामीण-शहरी सेवा अंतर को कैसे समाप्त कर सकती है।
रोहिणी ग्राम पंचायत की यह उपलब्धि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है और यह दर्शाती है कि जब नवाचार, समर्पण और प्रौद्योगिकी एक साथ मिलते हैं, तो कोई भी गांव डिजिटल सशक्तिकरण का प्रतीक बन सकता है।
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