मशहूर सिंगर P Jayachandran का निधन

पी. जयचंद्रन, जिन्हें ‘भाव गायकन’ के नाम से जाना जाता था, भारतीय संगीत उद्योग के एक दिग्गज पार्श्व गायक थे। 80 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। प्रेम, भक्ति और विरह जैसे भावनाओं को अपने गीतों के माध्यम से गहराई से व्यक्त करने वाले जयचंद्रन ने छह दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत में योगदान दिया। मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में 16,000 से अधिक गीतों को अपनी आवाज़ देने वाले जयचंद्रन का निधन संगीत प्रेमियों के लिए अपूरणीय क्षति है।

पी. जयचंद्रन के मुख्य बिंदु

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • 3 मार्च 1944 को एर्नाकुलम, केरल में जन्म।
  • माता-पिता: रवि वर्मा कोचनीयन थंपुरन और सुभद्रा कुंजम्मा।
  • क्राइस्ट कॉलेज, इरीनजलाकुडा से जूलॉजी में स्नातक।
  • हाई स्कूल के समय से ही मृदंगम बजाने और हल्की शास्त्रीय संगीत गाने में रुचि।

संगीत की शुरुआत

  • 1965 में फिल्म ‘कुंजलि मरक्कर’ के गीत ‘ओरु मुल्लाप्पू मलयुमयी’ से डेब्यू।
  • पहला रिलीज़ गाना: ‘मंजलयिल मुंगिथोरथी’ (फिल्म: ‘कालिथोजन’)।
  • 1958 के राज्य स्कूल कला उत्सव में मृदंगम प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।
  • इसी उत्सव में के. जे. येसुदास से मुलाकात, जिन्होंने उनके संगीत जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

करियर की उपलब्धियां

  • मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में 16,000 से अधिक गीत रिकॉर्ड किए।
  • जी. देवराजन, एम. एस. बाबुराज, इलैयाराजा, ए. आर. रहमान जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया।
  • इलैयाराजा के साथ ‘रसाथी उन्ना कणाथा नेन्जु’ (फिल्म: वैदेही कथिरुंदल) जैसी मशहूर साझेदारियां।
  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, केरल का जे. सी. डेनियल पुरस्कार और पांच बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार जीते।
  • उनका भक्ति गीत ‘शिव शंकरा शरणा सर्व विभो’ (श्री नारायण गुरु) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता।

व्यक्तिगत जीवन

  • परिवार में पत्नी ललिता, बेटी लक्ष्मी और बेटा दिननाथन (गायक) हैं।
  • अंतिम संस्कार चेंदमंगलम स्थित पैतृक घर में शनिवार को होगा।

श्रद्धांजलि

  • केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उनकी आवाज़ को छह दशकों तक दर्शकों को मोहित करने वाला बताया।
  • केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि जयचंद्रन के गीत पीढ़ियों के दिलों को छूते रहे और समय की सीमाओं से परे हैं।
  • विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने उन्हें उन दुर्लभ आवाजों में से एक बताया जो दशकों तक श्रोताओं के दिलों में बसी रहीं।
प्रमुख जानकारी विवरण
समाचार में क्यों? प्रख्यात पार्श्व गायक पी. जयचंद्रन का निधन।
उपनाम भाव गायकन
जन्मस्थान एर्नाकुलम, केरल
गाई गई भाषाएँ मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, हिंदी
आयु 80 वर्ष
रिकॉर्ड किए गए गीत 16,000 से अधिक
प्रमुख पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, केरल जे.सी. डेनियल पुरस्कार, केरल राज्य फिल्म पुरस्कार (5 बार), तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार (2 बार)
प्रसिद्ध साझेदारियां जी. देवराजन, एम.एस. बाबुराज, इलैयाराजा, ए.आर. रहमान, विद्यापसागर, एम. जयचंद्रन
प्रसिद्ध गीत रसाथी उन्ना कणाथा नेन्जु, शिव शंकरा शरणा सर्व विभो, ओरु मुल्लप्पू मलयुमयी
डेब्यू फिल्म गीत ओरु मुल्लप्पू मलयुमयी (फिल्म: कुंजलि मरक्कर)
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vikash

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