आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और सामाजिक सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित उगादी पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा विजयवाड़ा में एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
उगादी पुरस्कार आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित सम्मान है। इस वर्ष, मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और अभिलेखीय अध्ययन में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए चुना गया है।
इस पुरस्कार के अंतर्गत निम्नलिखित सम्मान दिए जाते हैं:
‘कलारत्न’ की उपाधि
प्रतिष्ठित ‘हंसा’ पदक
प्रशस्ति पत्र
नकद पुरस्कार
यह सम्मान समारोह विजयवाड़ा के तुम्मलपल्ली कलाक्षेत्रम में रविवार को आयोजित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री स्वयं मायना स्वामी को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
मायना स्वामी ने विशेष रूप से विजयनगर साम्राज्य और लेपाक्षी वीरभद्र मंदिर परिसर से संबंधित ऐतिहासिक अभिलेखों की खोज और अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत में 100 से अधिक अज्ञात शिलालेखों को उजागर किया और उनका विश्लेषण किया। उनके शोध ने दक्षिण भारत के सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मायना स्वामी के शोध ने निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:
दक्षिण भारतीय राजवंशों के ऐतिहासिक विवरणों का विस्तार।
विजयनगर इतिहास के कम ज्ञात पहलुओं को उजागर करना।
प्राचीन शिलालेखों और मंदिरों की विरासत के अध्ययन को समृद्ध बनाना।
ऐतिहासिक संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को बढ़ावा देना।
मायना स्वामी के कार्य की आधिकारिक पुष्टि संस्कृति विभाग के निदेशक आर. मल्लिकार्जुन द्वारा की गई। अनंतपुर जिले के विद्वानों, लेखकों और इतिहासकारों सहित पूरे आंध्र प्रदेश से उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए बधाइयाँ मिल रही हैं। उनके ऐतिहासिक अनुसंधान में अतुलनीय योगदान को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है।
| पहलू | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और सामाजिक सेवा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित उगादी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। |
| पुरस्कार का नाम | उगादी पुरस्कार |
| सम्मान में शामिल | कलारत्न उपाधि, हंसा पदक, प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार |
| प्रस्तुतकर्ता | मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू |
| स्थान | तुम्मलपल्ली कलाक्षेत्रम, विजयवाड़ा |
| मुख्य योगदान | विजयनगर साम्राज्य और लेपाक्षी वीरभद्र मंदिर पर शोध, तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत में 100 से अधिक शिलालेखों की खोज |
| मान्यता की पुष्टि | संस्कृति विभाग के निदेशक आर. मल्लिकार्जुन |
| विद्वानों की सराहना | अनंतपुर और अन्य स्थानों के लेखकों व इतिहासकारों ने माईना स्वामी को बधाई दी |
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