बता दें अरब सागर में दो प्रमुख बंदरगाह हैं, एक ईरान का चाबहार बंदरगाह है और एक पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह। भारत ने साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईरान दौरे के वक्त चाबहार बंदरगाह को लेकर ईरान के साथ एक समझौता किया था। यह समझौता भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह चीन के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का हिस्सा है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
ग्वादर और चाबहार के बीच करीब 172 किलोमीटर की दूरी है और एक बंदरगाह से दूसरे तक पहंचने में 5 से 6 घंटे का समय लग सकता है। दोनों ही बंदरगाह काफी बड़े हैं लेकिन उनकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वे दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बना या बिगाड़ सकते हैं।
चाबहार बंदरगाह
चाबहार बंदरगाह दक्षिणपूर्वी ईरान में ओमान की खाड़ी में स्थित है। यह एकमात्र ईरानी बंदरगाह है जिसकी समुद्र तक सीधी पहुँच है। यह ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। चाबहार बंदरगाह को मध्य एशियाई देशों के साथ भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा व्यापार के सुनहरे अवसरों का प्रवेश द्वार माना जाता है।