इसका अर्थ यह होगा कि केंद्रीय बैंक चालू माह में बैंकिंग प्रणाली को 1 लाख करोड़ रुपये की तरलता प्रदान करने के लिए तैयार है. यह कदम बैंकिंग प्रणाली में तरलता को धीरे-धीरे कसने की पृष्ठभूमि में आता है, जिसके चलते क्रेडिट की बढ़ोतरी बढ़ रही है, और भारतीय कंपनियों के लिए मध्य-मार्च की अवधि, अग्रिम कर भुगतान करने के लिए है.
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