भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी ढांचे में परिवतर्न करने का निर्णय लिया है। इसमें यूसीबी बैंकों में वांछित सुधार लाने तथा वित्तीय तनाव का अनुभव कर रहे बैंकों के जल्द समाधान करना है। संशोधित ढांचा विभिन्न मापदंडों के लिए थ्रेसहोल्ड को निर्धारित करता है जो यूसीबी द्वारा सुधारात्मक कार्रवाई या केंद्रीय बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई को ट्रिगर कर सकता है।
UCB पर निम्नलिखित परिस्थितियों में पर्यवेक्षी कार्रवाई की जा सकती है:
- जब इसका अनर्जक आस्ति (NPA) इसकी शुद्ध अग्रिमों का 6% से अधिक हो।
- जब इसका जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (CRAR) 9% से नीचे हो।
- जब इसने लगातार दो वित्तीय वर्षों के लिए घाटा उठाया हो या इसकी बैलेंस शीट पर घाटा हो।
साथ ही आरबीआई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत सभी समावेशी निर्देशों को लागू करने जैसी विभिन्न कार्रवाई भी कर सकता है। बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने पर भी आरबीआई द्वारा विचार किया जा सकता है यदि यूसीबी का सामान्य कामकाज अपने जमाकर्ताओं के हित में हो।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता
स्रोत: द इकोनॉमिक टाइम्स