भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य कृषि, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME), नवीकरणीय ऊर्जा, आवास, शिक्षा और सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण पहुंच को बढ़ाना है। इन संशोधनों में उच्च ऋण सीमा, ‘कमजोर वर्ग’ श्रेणी का विस्तार और शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए PSL लक्ष्यों में बदलाव शामिल हैं। ये सुधार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देने के लिए किए गए हैं।
ऋण सीमा में वृद्धि
शिक्षा ऋण: व्यावसायिक पाठ्यक्रमों सहित प्रति व्यक्ति ₹25 लाख तक।
सामाजिक अवसंरचना: विद्यालय, पेयजल सुविधाओं आदि की स्थापना के लिए प्रति उधारकर्ता ₹8 करोड़ तक।
आवास ऋण (जनसंख्या के आधार पर प्राथमिकता क्षेत्र वर्गीकरण):
₹50 लाख – 50 लाख या उससे अधिक की जनसंख्या वाले केंद्रों में।
₹45 लाख – 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले केंद्रों में।
₹35 लाख – 10 लाख से कम जनसंख्या वाले केंद्रों में।
नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान
अक्षय ऊर्जा आधारित पावर जेनरेटर और सार्वजनिक उपयोगिताओं (जैसे स्ट्रीट लाइटिंग, दूरस्थ गांवों का विद्युतीकरण) के लिए ₹35 करोड़ तक का ऋण।
व्यक्तिगत घरों के लिए ऋण सीमा: प्रति उधारकर्ता ₹10 लाख।
शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए संशोधित PSL लक्ष्य
कुल PSL लक्ष्य: समायोजित शुद्ध बैंक क्रेडिट (ANBC) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBSE) का 60%।
सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण: ANBC का 7.5%।
कमजोर वर्गों को अग्रिम ऋण: ANBC का 12%।
‘कमजोर वर्ग’ श्रेणी का विस्तार
संशोधित परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर समुदाय को भी शामिल किया गया है।
अन्य श्रेणियां:
लघु एवं सीमांत किसान।
गैर-संस्थागत ऋणदाताओं से ऋणग्रस्त संकटग्रस्त किसान।
कारीगर।
स्वयं सहायता समूह (SHG) या संयुक्त देयता समूह (JLG) के व्यक्तिगत सदस्य।
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST)।
दिव्यांगजन।
भारत सरकार द्वारा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय।
व्यक्तिगत महिला लाभार्थी जिनका ऋण ₹2 लाख तक हो (यह सीमा UCBs पर लागू नहीं होगी)।
| विषय | विवरण |
| क्यों चर्चा में है? | RBI ने प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) मानदंडों में संशोधन किया, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। |
| शिक्षा ऋण | व्यावसायिक पाठ्यक्रमों सहित प्रति व्यक्ति ₹25 लाख तक। |
| सामाजिक अवसंरचना ऋण | विद्यालय, पेयजल आदि की स्थापना के लिए प्रति उधारकर्ता ₹8 करोड़ तक। |
| आवास ऋण (जनसंख्या के आधार पर वर्गीकरण) | ₹50 लाख (50 लाख+ आबादी वाले शहरों में) / ₹45 लाख (10-50 लाख आबादी वाले शहरों में) / ₹35 लाख (10 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों में)। |
| नवीकरणीय ऊर्जा ऋण | ₹35 करोड़ (पावर जेनरेटर, सार्वजनिक उपयोगिता) / ₹10 लाख (व्यक्तिगत घरों के लिए)। |
| UCBs के लिए कुल PSL लक्ष्य | समायोजित शुद्ध बैंक क्रेडिट (ANBC) / ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBSE) का 60%। |
| सूक्ष्म उद्यमों को ऋण (UCBs) | ANBC का 7.5%। |
| कमजोर वर्गों को ऋण (UCBs) | ANBC का 12%। |
| नए कमजोर वर्ग (Weaker Sections) में शामिल | ट्रांसजेंडर, SC/ST, लघु किसान, कारीगर, दिव्यांगजन, अल्पसंख्यक समुदाय, SHG/JLG सदस्य। |
| महिला व्यक्तिगत लाभार्थियों को ऋण | ₹2 लाख तक (UCBs के लिए कोई सीमा नहीं)। |
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