भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के प्राथमिकता क्षेत्र के मानदंडों को यह कहते हुए उदार बनाया है कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सभी ऋण अब प्राथमिकता क्षेत्र ऋण देने के रूप में योग्य होंगे. यह बैंकों की लंबे समय से मांग थी.
अब तक, प्रति एमएसएमई ऋण लेने वाले को 10 करोड़ रुपए तक की ऋण प्राथमिकता सेक्टर गणना के लिए माना जाता था. सूक्ष्म उद्यमों के लिए बैंक ऋण देने के लिए उप-लक्ष्य 7.50 प्रतिशत एडजस्टेड नेट बैंक क्रेडिट या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की क्रेडिट समतुल्य राशि है, जो भी उच्च है. छोटे और सीमांत किसानों को उधार देने के लिए विदेशी बैंकों को भी 8% उप-लक्ष्य का पालन करना होगा.
Syndicate Bank PO परीक्षा के लिए उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य –
- डॉ. उरजीत पटेल भारतीय रिज़र्व बैंक के 24वें गवर्नर हैं.
- आरबीआई का मुख्यालय- मुंबई में.