भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2025 के लिए अपने गृहस्थियों की मुद्रास्फीति अपेक्षा सर्वेक्षण (Inflation Expectations Survey of Households – IESH) का नया दौर शुरू किया है। यह सर्वेक्षण भारत के 19 शहरों में किया जा रहा है। यह तिमाही सर्वेक्षण आम जनता की मौजूदा और भविष्य की कीमतों की धारणा को समझने के लिए किया जाता है और भारत की मौद्रिक नीति ढांचे के लिए बेहद अहम इनपुट प्रदान करता है।
मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को समझना
इस सर्वेक्षण के ज़रिए RBI यह आकलन करता है कि गृहस्थियाँ कीमतों के बारे में क्या सोचती हैं, जैसे:
मौजूदा मुद्रास्फीति का स्तर
अगले तीन महीनों और अगले एक वर्ष की अनुमानित मुद्रास्फीति
सामान्य वस्तुओं और विशिष्ट उत्पाद श्रेणियों में कीमतों में बदलाव
गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों प्रकार की प्रतिक्रियाओं के आधार पर यह सर्वेक्षण जमीनी स्तर पर मुद्रास्फीति की प्रवृत्तियों को समझने का महत्वपूर्ण उपकरण है।
विविध क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
19 शहर चुने गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
मेट्रो शहर: मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद
राज्य की राजधानियाँ और अन्य: अहमदाबाद, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, गुवाहाटी, जयपुर, जम्मू, लखनऊ, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची, तिरुवनंतपुरम
डेटा संग्रह कैसे होगा
मुंबई स्थित एक एजेंसी को घर-घर जाकर डेटा संग्रह की ज़िम्मेदारी दी गई है
चयनित गृहस्थियों से सीधे संपर्क किया जाएगा
साथ ही, RBI की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भागीदारी का विकल्प भी उपलब्ध है
मौद्रिक नीति के लिए इनपुट
RBI इस डेटा का इस्तेमाल मुद्रास्फीति-लक्ष्यीकरण रणनीति को परिष्कृत करने में करता है।
इससे ब्याज दरें तय करने और व्यापक मैक़्रो-आर्थिक वातावरण को आकार देने में मदद मिलती है।
गृहस्थियों की अपेक्षाओं से उपभोक्ता व्यवहार का अनुमान लगाने और नीतिगत उपकरणों को उसी अनुसार समायोजित करने में सुविधा होती है।
दैनिक जीवन पर असर
गृहस्थियों से इन श्रेणियों में कीमतों की धारणा पूछी जाती है:
आवश्यक वस्तुएँ – भोजन, ईंधन, दवाइयाँ
सेवाएँ – परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा
सामान्य जीवनयापन की लागत
ये जानकारियाँ केवल सांख्यिकीय सूचकांकों से परे जाकर जमीनी स्तर पर मुद्रास्फीति की वास्तविक तस्वीर सामने लाती हैं।
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