भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की कि वर्तमान बैंक सेल्फ-सर्व और असिस्टेड मोड दोनों के लिए 24×7 दिन हेतु उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल बैंकिंग इकाइयाँ खोल सकते हैं। सरकार ने केंद्रीय बजट में घोषणा की कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के लिए 75 जिलों में कम से कम 75 ऐसी इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
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प्रमुख बिंदु:
- डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) के गठन के लिए आवश्यकताओं के अनुसार डीबीयू में आपूर्ति किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं में खाता खोलना, नकद निकासी और जमा, केवाईसी अपडेशन, ऋण और शिकायत पंजीकरण शामिल हैं।
- दिशानिर्देशों के अनुसार, डिजिटल बैंकिंग अनुभव वाले अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई की मंजूरी प्राप्त किए बिना टियर 1 से टियर 6 केंद्रों में डीबीयू खोलने की अनुमति है।
- प्रत्येक डीबीयू को अपने प्रवेश और निकास बिंदुओं के साथ अलग से रखा जाना चाहिए। सिफारिशों के अनुसार, ये इकाइयाँ पारंपरिक बैंकिंग आउटलेट्स से अलग होंगी और इनमें ऐसे रूप और डिज़ाइन होंगे जो डिजिटल बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए सबसे आदर्श हैं।
डीबीयू क्या है?
‘डीबीयू’ का मतलब डिजिटल बैंकिंग यूनिट (Digital Banking Unit) है, जो एक विशेष फिक्स्ड पॉइंट बिजनेस यूनिट/हब है जो उपभोक्ताओं को सरल और लागत प्रभावी तरीके से डिजिटल बैंकिंग सामान और सेवाएं देने के लिए विशिष्ट बुनियादी ढांचा रखता है।
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