RBI ने अकाउंट एग्रीगेटर्स के लिए स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) की रूपरेखा जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने खाता एग्रीगेटर (AA) पारिस्थितिकी तंत्र के लिए स्व-नियामक संगठन (SRO) की मान्यता की रूपरेखा जारी की है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय डेटा के निर्बाध आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, परिचालन संबंधी चुनौतियों को दूर करना और विभिन्न नियामक संस्थाओं के बीच अनुपालन सुनिश्चित करना है। इस कदम से AA ढांचे के भीतर समन्वय, मानकीकरण और विवाद समाधान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

मुख्य बिंदु:

उद्देश्य: AA पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक समर्पित SRO की स्थापना, जिससे वित्तीय डेटा साझा करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और परिचालन संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

पृष्ठभूमि:

  • सितंबर 2016: RBI ने सुरक्षित वित्तीय डेटा साझा करने के लिए AA ढांचा पेश किया।
  • अगस्त 2024: RBI ने फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट को फिनटेक क्षेत्र के लिए SRO के रूप में मान्यता दी।

AA के लिए SRO की आवश्यकता क्यों?

  • AA पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों के तहत संचालित कई विनियमित संस्थाएं शामिल हैं।
  • एक समर्पित SRO विवाद समाधान, मानकीकृत समझौतों और सामान्य सेवाओं के माध्यम से बेहतर समन्वय में सहायता करेगा।

आवेदन प्रक्रिया:

  • इच्छुक संगठनों को प्रवाह (Pravaah) पोर्टल के माध्यम से 15 जून 2025 तक आवेदन करना होगा।
  • RBI का निर्णय अंतिम होगा, जब तक कि पुनः आवेदन की अनुमति न दी जाए।

AA पारिस्थितिकी तंत्र में शामिल इकाइयाँ:

  • वित्तीय सूचना प्रदाता (FIPs) और वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (FIUs) NBFC-Account Aggregators (NBFC-AAs) के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं।
  • RBI, SEBI, IRDAI, PFRDA और केंद्रीय राजस्व विभाग (GST नेटवर्क नियामक) द्वारा विनियमित।

तकनीकी विनिर्देश:

  • रिज़र्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी (ReBIT) तकनीकी मानकों को निर्धारित और प्रकाशित करना जारी रखेगा।

औद्योगिक अपडेट:

  • फरवरी 2025: फोनपे (PhonePe) ने AA व्यवसाय से बाहर निकलते हुए अपना NBFC-AA लाइसेंस सरेंडर कर दिया, ताकि मौजूदा एग्रीगेटरों के साथ साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

RBI की यह पहल AA पारिस्थितिकी तंत्र में अधिक स्थिरता, पारदर्शिता और कुशल संचालन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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vikash

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