पृष्ठभूमि: ये नियम क्यों आवश्यक थे?
दिसंबर 2023 में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नियंत्रित संस्थाओं (REs) को उन वैकल्पिक निवेश फंडों (AIFs) में निवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया था, जिनका किसी RE के मौजूदा या हालिया कर्जदारों से संबंध था।
- यह कदम तब उठाया गया जब SEBI ने यह संकेत दिया कि कुछ मामलों में AIF का उपयोग “एवरग्रीनिंग ऑफ लोन” (Evergreening of Loans) के लिए हो रहा है। इसमें कर्जदाता पुराने कर्ज चुकाने के लिए नया ऋण देते हैं, जिससे खराब कर्ज (NPA) की पहचान टल जाती है।
- इस प्रतिबंध के कारण कई AIFs के लिए कैपिटल कॉल (funding commitment) संकट पैदा हो गया, क्योंकि REs अब फंडिंग नहीं कर पा रहे थे।
- मार्च 2024 में RBI ने इन ऑपरेशनल चुनौतियों को दूर करने के लिए कुछ प्रावधानों में ढील दी।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
सिद्धार्थ पई, सह-अध्यक्ष, IVCA रेगुलेटरी अफेयर्स काउंसिल:
इक्विटी निवेश को carve-out करने और “debtor company” की परिभाषा से कुछ कंपनियों को बाहर करने से निवेशकों को अधिक भरोसा मिलेगा।
पल्लबी घोषाल, पार्टनर
- CCPS और CCDs को इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में स्पष्ट करना लंबे समय से लंबित उद्योग मांग थी जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।
- नए नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे, जिससे फंड मैनेजर्स को अपनी फंडरेज़िंग रणनीति समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
भारत में AIF निवेश का स्तर (मार्च 2025 तक):
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कुल प्रतिबद्ध निवेश: ₹13.49 लाख करोड़
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कुल वास्तविक निवेश: ₹5.38 लाख करोड़
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इक्विटी व इक्विटी-लिंक्ड निवेश: ₹3.5 लाख करोड़
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घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी: ₹4.08 लाख करोड़ (₹5.63 लाख करोड़ में से)
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शीर्ष सेक्टर:
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रियल एस्टेट: ₹69,896 करोड़
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आईटी, वित्तीय सेवाएं, NBFCs
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SEBI दिशानिर्देशों के साथ समन्वय:
नए RBI नियम अब SEBI के जांच एवं निवेश मानदंडों के अधिक अनुरूप हैं। इनका उद्देश्य है:
- AIF के जरिए लोन एवरग्रीनिंग को रोकना
- निवेश नियमों में समानता और स्पष्टता लाना
- इक्विटी-केंद्रित AIFs को अधिक स्वतंत्रता देना
- जबकि प्राइवेट क्रेडिट पर सख्त निगरानी रखना
मुख्य बिंदुओं का सारांश:
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किसी AIF स्कीम में कुल RE निवेश सीमा: 20%
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किसी एकल RE की सीमा: 10%
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इक्विटी निवेश अब सख्त provisioning नियमों से बाहर
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यदि AIF किसी RE की कर्जदार कंपनी में debt निवेश करता है और उस AIF में उस RE का योगदान 5% से अधिक है, तो 100% प्रावधान अनिवार्य
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Subordinated units पूरी तरह से पूंजी से घटाई जाएंगी
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प्रभावी तिथि: 1 जनवरी 2026 (या उससे पहले यदि RE चाहे)