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आरबीआई ने टॉकचार्ज को पीपीआई परिचालन बंद करने और शेष राशि वापस करने का निर्देश दिया

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुग्राम स्थित टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (TalkCharge Technologies Pvt Ltd) को आदेश दिया है कि वह केंद्रीय बैंक की अनुमति के बिना प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI Wallet) जारी करना बंद करें और ग्राहकों के वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि रिफंड करें। इसके अलावा आरबीआई ने जनता को वेबसाइटों/एप्लिकेशन का उपयोग करते समय और ऐसी किसी भी अनधिकृत इकाई को पैसे देते समय अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए आगाह किया।

आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि आप जिस वेबसाइट और एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं पहले उसे चेक करें कि वह अधिकृत है या नहीं। रिजर्व बैंक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के संज्ञान में आया है कि टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज पेमेंट और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त किए बिना अपनी वेबसाइट और ऐप (एप्लिकेशन) ‘टॉकचार्ज’ के माध्यम से पीपीआई जारी कर रही है।

 

प्रीपेड भुगतान उपकरण

केंद्रीय बैंक ने 2 अप्रैल, 2024 को टॉकचार्ज को अपने प्रीपेड भुगतान उपकरण या वॉलेट जारी करने और संचालन को रोकने और 15 दिनों के भीतर वॉलेट में रखी शेष राशि वापस करने के निर्देश जारी किए। इसके बाद टॉकचार्ज के अनुरोध पर इसे 45 दिनों (17 मई, 2024) तक बढ़ा दिया गया।

 

कैशबैक वापस करने की मांग

रिजर्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों को कैशबैक वापस करने की मांग करते हुए कानूनी नोटिस जारी किया है। कंपनी ने ग्राहकों को कहा कि अगर वह कैशबैक वापस नहीं करेंगे तो यह मामला आरबीआई को सूचित किया जाएगा।

 

 

FAQs

RBI का राष्ट्रीयकरण किस वर्ष में किया गया था?

1 जनवरी 1949 को RBI का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।

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