भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं (REs) को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को ट्रांजेक्शनल कॉल्स के लिए विशेष रूप से ‘1600xx’ नंबर सीरीज़ का उपयोग करें। प्रचारात्मक संचार के लिए ‘140xx’ सीरीज़ का उपयोग किया जाना चाहिए। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा को बढ़ाना और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाना है।
RBI के मुख्य निर्देश
- विशिष्ट नंबर सीरीज़ का उपयोग:
- बैंकों को ट्रांजेक्शनल कॉल्स के लिए ‘1600xx’ और प्रचारात्मक कॉल्स के लिए ‘140xx’ सीरीज़ का उपयोग करना होगा।
- यह उपाय विभिन्न प्रकार के संचार के बीच अंतर स्पष्ट करने और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने के लिए लागू किया गया है।
- ग्राहक डेटाबेस की निगरानी और सुधार:
- वित्तीय संस्थाओं को अपने ग्राहक डेटाबेस की सक्रिय रूप से निगरानी और अपडेट करना होगा।
- इसमें दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा विकसित डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रेवोकेशन सूची (MNRL) का उपयोग करके अमान्य या रद्द किए गए नंबरों की पहचान और हटाना शामिल है।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) का विकास:
- बैंकों को पंजीकृत मोबाइल नंबरों को सत्यापन के बाद अपडेट करने के लिए SOPs विकसित करनी चाहिए।
- साथ ही, रद्द किए गए नंबरों से जुड़े खातों की निगरानी को मजबूत करना होगा ताकि उनके दुरुपयोग को रोका जा सके।
अनुपालन की समय सीमा
- सभी विनियमित संस्थाओं को इन निर्देशों का पालन 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित करना होगा।
- यह समय सीमा ग्राहकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए इन उपायों को शीघ्र लागू करने के महत्व को रेखांकित करती है।
संदर्भ पृष्ठभूमि
- डिजिटल लेन-देन के बढ़ते उपयोग ने वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम को भी बढ़ा दिया है।
- धोखेबाज मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग करके अनधिकृत गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
- इन निर्देशों को लागू करके RBI डिजिटल वित्तीय सेवाओं की सुरक्षा को मजबूत करना और उभरते खतरों से ग्राहकों को बचाना चाहता है।
चरण | विवरण |
क्यों समाचार में है | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने धोखाधड़ी को कम करने के लिए बैंकों को ‘1600xx’ नंबर सीरीज़ का उपयोग करने का निर्देश दिया। |
RBI का निर्देश | – ‘1600xx’ ट्रांजेक्शनल कॉल्स के लिए, ‘140xx’ प्रचारात्मक कॉल्स के लिए। – समय सीमा: 31 मार्च 2025। – धोखाधड़ी रोकथाम: डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से। – निगरानी: बैंकों को ग्राहक मोबाइल नंबर अपडेट और सत्यापित करने होंगे। |
मोबाइल नंबर रेवोकेशन सूची (MNRL) | – MNRL: यह एक उपकरण है जो यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल वैध मोबाइल नंबरों का ही उपयोग हो। – DIP: डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म को नंबर सत्यापन में सहायता के लिए उपयोग किया जाएगा। |
प्रभावित विनियामक संस्थाएँ | बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं (REs) को इन निर्देशों का पालन करना होगा। |